Saturday, April 19, 2025
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मूडीज ने भारत की GDP-ग्रोथ-2024 का अनुमान बढ़ाकर 7.1% किया:पहले 6.8% बताया था, एजेंसी ने कहा- 2025 में भारत की GDP 6.5% की दर से बढ़ेगी

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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2024 के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक यानी GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर अब 7.1% कर दिया है। इससे पहले मूडीज ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.1% से बढ़ाकर 6.8% बताया था। वहीं मूडीज ने 2025 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर ही बरकरार रखा है। इसके अलावा एजेंसी ने 2026 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.6% बताया है। जून में मूडीज ने कहा था कि भारत की इकोनॉमी 2026 में धीमी होकर 6.2% हो जाएगी। फर्म ने इन्फ्लेशन के बेहतर रिजल्ट की भी भविष्यवाणी की है। इतना ही नहीं एजेंसी ने भारत के इन्फ्लेशन का अनुमान भी 5% से घटाकर 4.7% कर दिया है। 2025 में भारत के इन्फ्लेशन का अनुमान 4.5% बताया
भारत की मुद्रास्फीति यानी इन्फ्लेशन जुलाई और अगस्त में 4% से नीचे रही है। एजेंसी ने 2025 और 2026 में भारत के इन्फ्लेशन का अनुमान 4.5% और 4.1% बताया है। RBI को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5% हो जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपकमिंग मीटिंग में केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में कोई बदलाव किए जाने की संभावना नहीं है। वहीं 25 बेसिस पॉइंट्स की पहली कटौती दिसंबर में होने की संभावना है। वहीं अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक ने हाल ही में मंदी की आशंकाओं को दूर करने के लिए पॉलिसी रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी। GDP क्या है?
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। दो तरह की होती है GDP GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है। कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है। GVA क्या है?
साधारण शब्दों में कहा जाए तो GVA से किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि किस खास क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है। नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से देखें तो मैक्रो लेवल पर GDP में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह GVA होता है। अगर आप प्रोडक्शन के मोर्चे पर देखेंगे तो इसको नेशनल अकाउंट्स को बैलेंस करने वाला आइटम पाएंगे।

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