मुकेश चंद्राकर की हत्या से पूरा इलाका सदमे में है। मुकेश सिर्फ़ 28 साल के थे और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे थे। 2021 में माओवादियों ने कुछ सीआरपीएफ जवानों को अगवा कर लिया था। मुकेश ने इन जवानों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।