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महिला सशक्तिकरण पर है अदा की फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’:एक्ट्रेस बोलीं- महिलाओं को स्वतंत्रता के साथ उनकी पसंद और सोच को आजादी मिलनी चाहिए

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फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ और ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ के बाद अदा शर्मा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनकी अगली फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ महिलाओं के बारे में बात करती हैं। हाल ही में अदा शर्मा ने अपने करियर, आने वाली फिल्मों को लेकर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने वुमन्स डे पर देश की महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाओं को स्वतंत्रता के साथ उनकी पसंद और सोच को आजादी मिलनी चाहिए। पेश अदा शर्मा से हुई बातचीत के कुछ और खास अंश .. क्या आप मानती हैं कि ‘द केरला स्टोरी’ और ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ आपके करियर की टर्निंग फिल्में रही हैं? हां, मैं इस बात से सहमत हूं। भारत में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फीमेल लीड फिल्म के रूप में यह मेरे करियर के लिए एक टर्निंग प्वाइंट है। अब मैं एक घरेलू नाम बन गई हूं और लोगों के दिलों में स्थायी स्थान पा लिया है। इन फिल्मों में मैंने चैलेंजिंग रोल प्ले किए। हॉलीवुड की तरह क्या बॉलीवुड में भी फीमेल सेंट्रिक फिल्मों पर 1000 करोड़ तक का दांव लग सकता है? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि फीमेल लीड कौन है। स्क्रिप्ट क्या है, निर्देशक कौन है और बहुत सारे अन्य फैक्टर हैं। एक व्यक्ति चाहे पुरुष हो या महिला, फिल्म को हिट बनाने के लिए यह सभी पहलू जरूरी हैं। हॉलीवुड से तुलना करना सही नहीं है। उनके पास फीमेल सेंट्रिक फिल्मों के लिए भी बड़ा बजट होता है। हालांकि अब बॉलीवुड में भी एक्ट्रेसेज को लेकर बड़े दांव लगने लगे हैं। क्या आप मानती हैं कि हर महिला, खासकर जो बड़े शहरों में काम करती उन्हें सेल्फ डिफेंस सीखना चाहिए? बड़े शहरों और छोटे शहरों दोनों में। छोटे शहरों में भी कई रेप के मामले सामने आते हैं। मुझे उम्मीद है कि यह शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन सके और युवा लड़कियों को आत्मरक्षा सिखाई जाए। जिससे वह किसी भी परिस्थिति में खुद का बचाव कर सकें। वुमन्स डे पर देश की महिलाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी? मैं यह कामना करती और प्रार्थना करती हूं कि महिलाओं को स्वतंत्रता के साथ अपनी पसंद और सोच की आजादी भी मिले। आने वाले समय में आपके पास कौन से प्रोजेक्ट्स हैं, म्यूजिक वीडियोज या फिल्मों के मामले में? मेरे पास एक फिल्म है ‘तुमको मेरी कसम’ जो महिला सशक्तिकरण पर आधारित है। यह 70 के दशक में सेट है, इसलिए यह एक पीरियड फिल्म है। यह विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित है, जिन्होंने मेरी डेब्यू फिल्म ‘1920’ को डायरेक्ट किया था। इसके अलावा, मैं तीन हिंदी फिल्मों और दो साउथ फिल्म्स पर काम कर रही हूं। अब तक के करियर में सबसे चैलेंजिंग रोल क्या रहा। कौन सी फिल्म में आपको अपनी पूरी जान लगानी पड़ी? ‘1920’ मेरी डेब्यू फिल्म थी, क्योंकि मुझे इसमें एक घोस्ट के रूप में अभिनय करना था। असल जिंदगी में मैंने कभी खुद को घोस्ट नहीं महसूस किया। इसके अलावा, ‘सनफ्लावर 2’ में मैं एक बार डांसर का रोल कर रही थी। असल जिंदगी में मेरे पास कुछ संकोच होते हैं, लेकिन ‘रोसी’ के रूप में मुझे अपनी बॉडी लैंग्वेज और संवादों के साथ बहुत खुलकर काम करना था। ‘रोसी’ असल जिंदगी से बिल्कुल अलग है और फिर ‘द केरला स्टोरी’ वह मेरे लिए लाइफ टाइम वाला रोल था। साउथ और नॉर्थ में काम करने के दौरान आपको क्या अंतर दिखा। कहां ज्यादा स्कोप दिखता है? ‘द केरला स्टोरी’ एक हिंदी फिल्म थी, जिसमें 40 प्रतिशत मलयालम था। प्रोड्यूसर विपुल शाह गुजराती हैं और निर्देशक सुदीप्तो सेन बंगाली हैं। यह भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फीमेल फिल्म साबित हुई। तो यह किस इंडस्ट्री की फिल्म है? मेरे लिए, मैंने साउथ और नॉर्थ दोनों में फिल्में की हैं और मुझे कुछ बहुत अच्छे रोल मिले हैं, साथ ही मुझे बहुत लोकप्रियता और प्यार भी मिला है। इसलिए मैं खुद को एक पैन इंडिया एक्ट्रेस मानती हूं। आप किस जॉनर को सबसे ज्यादा देखना और करना पसंद करती हैं? पीरियड फिल्में, एक्शन, कॉमेडी, ड्रामा। मैं सभी जॉनर्स से प्यार करती हूं। हर तरह की फिल्म करना चाहती हूं। हालांकि मेरी अगली दो फिल्में रोमांटिक हैं, इसके बाद मैं एक बड़ी एक्शन फिल्म करने वाली हूं और फिर एक बायोपिक ड्रामा भी है। क्या आपको किसी बायोपिक के लिए अप्रोच किया गया है? हां, दो फिल्म्स के लिए और मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं इस इंडस्ट्री के अंदर से ही एक्टिंग फील्ड में नहीं आई हूं। मुझे लगता है कि यह केवल दर्शकों का प्यार, आशीर्वाद और शुभकामनाएं हैं कि मुझे इतने शानदार अवसर मिल रहे हैं। जैसे मैं अपने सभी प्रोजेक्ट्स के लिए करती हूं, वैसे ही मैं बायोपिक प्रोजेक्ट को भी एक ट्रेलर के साथ अनाउंस करूंगी।

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