Wednesday, December 25, 2024
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महिंद्रा की इलेक्ट्रिक एसयूवी ‘BE 6’ नाम से बेची जाएगी:इंडिगो एयरलाइन के साथ ट्रेडमार्क विवाद के कारण बदला कार का नाम, पहले ‘BE 6e’ था

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महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भारतीय बाजार में हाल ही में लॉन्च की गई इलेक्ट्रिक एसयूवी ‘BE 6e’ का नाम बदल दिया है। कंपनी अब इस इलेक्ट्रिक कार को ‘BE 6’ नाम से बेचेगी। कंपनी ने यह फैसला इंडिगो एयरलाइन का संचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के साथ ट्रेडमार्क को लेकर चल रहे विवाद के कारण लिया है। महिंद्रा ने आज (7 दिसंबर) को इसकी जानकारी दी। इंटरग्लोब एविएशन ने ‘महिंद्रा BE 6E’ में ‘6E’ के इस्तेमाल को लेकर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया है। इंटरग्लोब ने 3 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में केस फाइल किया था, जिसकी सुनवाई 9 दिसंबर को हो सकती है। महिंद्रा का कहना है कि उसने ‘BE 6e’ ट्रेडमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था, जो इसके इलेक्ट्रिक SUV पोर्टफोलियो का हिस्सा रहेगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा का कहना है कि, हमने भले ही इलेक्ट्रिक SUV का नाम बदल दिया है, लेकिन ‘BE 6e’ ट्रेडमार्क के लिए इंटरग्लोब एविएशन के खिलाफ अदालत में मुकदमा जारी रखेगी। महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक एसयूवी BE 6e को भारतीय बाजार में 26 नवंबर को लॉन्च किया था। महिंद्रा ने कहा- विवाद की कोई गुंजाइश नहीं
महिंद्रा इलेक्ट्रिक ने एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा, ‘अपनी ब्रांडिंग में हमें कोई विवाद नहीं दिखता है, क्योंकि इंडिगो एक एयरलाइन कंपनी है और हम कार मैन्युफैक्चरर हैं। हमने जो रजिस्ट्रेशन कराया है, वह पूरी तरह से अलग इंडस्ट्री और प्रोडक्ट से जुड़ा है और कंपनी का मार्क ‘BE 6e’ है न कि अकेला ‘6E’। ऐसे में भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है।’ कंपनी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बेहतर सर्विसेस देना है। इसलिए फिलहाल कार का नाम बदलने का फैसला लिया गया है। टाटा मोटर्स और इंडिगो का विवाद
महिंद्रा ने कहा कि, इससे पहले टाटा मोटर्स ने इंटरग्लोब के इंडिगो (IndiGo) नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि टाटा के पास टाटा इंडिगो कार ब्रांड है। लेकिन, इंटरग्लोब अब भी एक अलग इंडस्ट्री और कारोबार में इंडिगो नाम का इस्तेमाल कर रही है। कंपनी ने कहा कि, अगर इंडिगो के दावे को चुनौती नहीं दी गई तो महिंद्रा BE 6e का विवाद गलत उदाहण पेश करेगा। ऐसे में कंपनी ने इस मुद्दे को अदालत में चुनौती देने की बात कही है, ताकि ‘BE 6e’ नाम के ब्रांड पर अपना हक सुरक्षित किया जा सके। इंडिगो ‘6E’ कॉल साइन से ऑपरेट करता है
इंडिगो ‘6E’ कॉल साइन (नाम) से ऑपरेट करता है, जो इसकी ब्रांडिंग और पैसेंजर सर्विसेज का बेस है। इसके तहत एयरलाइन 6E प्राइम (सीट सिलेक्शन, प्रायोरिटी चेक-इन और स्नैक्स), 6E फ्लेक्स (फ्लेग्जिबल रिशेड्यूलिंग और कैंसिलेशन) और एडिशनल 6E-ब्रांडेड सर्विसेज जैसे प्रोडक्ट्स प्रोवाइड करती है। इसमें एक्सट्रा बैगेज ऑप्शन और लाउंज एक्सेस शामिल हैं। एयरलाइन ने 2015 में कई ट्रेडमार्क कैटेगरी में ‘6E लिंक’ का रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें वह क्लास-9, क्लास-16, क्लास-35 और क्लास-39 के तहत प्रोवाइड की जाने वाली सर्विसेज में 6E का इस्तेमाल कर सकता है। महिंद्रा ‘BE 6E’ को ट्रडमार्क कराना चाहती है
25 नवंबर को महिंद्रा इलेक्ट्रिक ने क्लास 12 के तहत ‘BE 6E’ मार्क को रजिस्टर करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार में एप्लिकेशन फाइल किया है। क्लास-12 में रजिस्टर हो जाने के बाद महिंद्रा को टू-व्हीलर्स को छोड़कर इलेक्ट्रिक और कंब्स्टन इंजन वाले व्हीकल्स के लिए ‘6E’ डेजिगनेशन का उपयोग करने का अधिकार मिल जाएगा। महिंद्रा BE 6E, डिलीवरी फरवरी 2025 से शुरू होगी
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 26 नवंबर को भारतीय बाजार में दो ‘बॉर्न इलेक्ट्रिक’ एसयूवी, XEV 9e और BE 6e को लॉन्च किया था। कंपनी ने अपने सब-ब्रांड्स एक्सईवी और बीई के बैनर तले दोनों इलेक्ट्रिक SUV को बनाया है। ये महिंद्रा के इन-हाउस INGLO प्लेटफॉर्म पर डिजाइन की गई हैं, जो एक मॉड्यूलर स्केटबोर्ड आर्किटेक्चर है, जिसे खास तौर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए डिजाइन किया गया है। 500km से ज्यादा की रेंज और 6.7 सेकेंड में 0-100kmph की रफ्तार का दावा BE 6e पैक वन की कीमत 18.90 लाख रुपए एक्स-शोरूम से शुरू होती है, जबकि XEV 9e पैक वन की कीमत आपको 21.90 रुपए एक्स-शोरूम पड़ेगी। दोनों मॉडल जनवरी 2025 में बाजार में आने वाले हैं। डिलीवरी फरवरी 2025 से शुरू होगी। कंपनी का दावा है कि दोनों कारों को फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज मिलेगी और ये सिर्फ 6.7 सेकेंड में 0-100kmph की रफ्तार पकड़ सकेंगी। ————————————————– ट्रेडमार्क से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ‘बर्गर किंग’ नाम के इस्तेमाल पर कोर्ट की रोक: पुणे के रेस्टोरेंट के खिलाफ फास्ट फूड कंपनी ने दी थी याचिका, 2011 से चल रहा मामला बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अंतरिम आदेश में पुणे के एक रेस्टोरेंट को ‘बर्गर किंग’ नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया। यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि अमेरिका बेस्ड फर्म बर्गर किंग की ट्रेडमार्क उल्लंघन याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। जस्टिस ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल की बेंच ने कहा कि बर्गर किंग कॉर्पोरेशन की अपील पर सुनवाई जरूरी है। कोर्ट ने दोनों पार्टिज (बर्गर किंग और रेस्टोरेंट) को आदेश दिया कि वे अपील के निपटारे तक पिछले 10 सालों के ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और टैक्स डॉक्यूमेंट पेश करने की तैयारी करें। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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