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मनु के कोच जसपाल ने उठाए सिलेक्शन पॉलिसी पर सवाल:राणा ने कहा- लगातार बदलाव से शूटर्स को नुकसान पहुंचा, स्थिरता की जरूरत

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पेरिस ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु भाकर के कोच जसपाल राणा ने नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की सिलेक्शन पॉलिसी की आलोचना की है। जसपाल ने कहा- ‘फेडरेशन की पॉलिसी में लगातार बदलाव की वजह से टैलेंटेड शूटर्स को नुकसान पहुंचा है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगे भी युवाओं का नुकसान होगा। PTI से राणा ने कहा, ‘फेडरेशन की पॉलिसी हर 6 महीने में बदलती रहती है।’ टूर्नामेंट्स से पहले पॉलिसी में लगातार बदलाव
टोक्यो में लगातार दूसरे पदक-रहित ओलिंपिक के बाद नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने 2021 में पॉलिसी में संशोधन किया। कोटा विजेताओं को दिए जाने वाले बोनस पॉइंट्स में कटौती की और काफी इंतजार के बाद अंतिम दल का फैसला करने के लिए ट्रायल फिर से शुरू किए। अगर फेडरेशन किसी शूटर को अच्छा नहीं मानता था तो कोटा बदल दिया जाता था। टूर्नामेंट्स से पहले NRAI के अस्पष्ट आंकलन के आधार पर शूटर्स के प्रदर्शन को अंतिम रूप दिया गया। इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शूटर्स में भी चिंता पैदा हो गई, लेकिन शुरुआती ट्रायल के साथ भी कोई निरंतरता नहीं थी और NRAI को आलोचना का सामना करना पड़ा। इंटरनेशनल और कैंप के प्रदर्शन के आधार पर ओलिंपिक कोटा के लिए लक्ष्य रखने वाले शूटर्स की संख्या को केवल टॉप-5 तक सीमित कर दिया गया। इससे ट्रायल में 8 शूटर्स का पूरा क्षेत्र भी असंभव हो गया, जिसकी व्यापक रूप से आलोचना की गई। अच्छे शूटर्स के बारे में कोई नहीं सोचता
राणा ने कहा, ‘टोक्यो ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में पहुंचने वाले सौरभ चौधरी कहां हैं? एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली जीतू राय कहां हैं? क्या कोई उनके बारे में बात करता है? नहीं।’ राणा ने आगे कहा, ‘क्या हम शूटर अर्जुन बाबूता के बारे में बात कर रहे हैं, जो पेरिस ओलिंंपिक में चौथे स्थान पर रहे? वह मेडल जीतने से चूक गए। लेकिन कोई भी यह नहीं सोच रहा है कि उन्हें फिर से मंच पर कैसे लाया जाए।’ वर्ल्ड मेडलिस्ट की सुरक्षा के लिए कोई तंत्र नहीं
राणा ने कहा, ‘वह बदलाव के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ओलंपिक चक्र के दौरान अधिक स्टेबिलिटी चाहते हैं। मौजूदा समय में ओलंपिक और वर्ल्ड मेडलिस्ट की सुरक्षा के लिए कोई तंत्र नहीं है। भाकर को पेरिस में दो मेडल जीतने के बावजूद तीन महीने के ब्रेक से लौटने के बाद नेशनल टीम में जगह बनाने के लिए स्ट्रगल करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम ओलिंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को एक या दो ओलिंपिक के बाद नहीं देखते हैं, क्योंकि ऐसी कोई प्रणाली नहीं है जिसके जरिए हम उन्हें सुरक्षित कर सकें। टीम का सेलेक्शन नेशनल्स से किया जाता है। इसलिए अगर वह नेशनल्स नहीं खेल रही है, तो अगले साल उसे वे सुविधाएं नहीं मिलेंगी, जो अन्य शूटर्स को मिलती हैं।’ एक ही ओलिंपिक में दो मेडल जीती मनु पेरिस ओलिंपिक में मनु भाकर ने विमेंस इंडिविजुअल 10 मीटर एयर पिस्टल और मिक्स्ड इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। इसके अलावा विमेंस इंडिविजुअल 25 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मनु चौथे नंबर पर रहीं। वह एक ही ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं।

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