Friday, July 18, 2025
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बोइंग ने कहा- विमानों के फ्यूल स्विच लॉक्स एकदम सेफ:यह अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट में टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए थे

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अमेरिका की सरकारी एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और बोइंग ने रविवार को प्राइवेट नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि बोइंग प्लेन के फ्यूल स्विच लॉक एकदम सेफ हैं। FAA ने कहा, ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच का डिजाइन, लॉकिंग फीचर्स, बोइंग के अलग-अलग विमानों में एक ही है। फिर भी हम इसे खतरे की स्थित नहीं मानते, जिसके लिए किसी भी बोइंग विमान मॉडल पर एयरवर्थनेस डायरेक्टिव देने की जरूरत पड़े।’ न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, FAA और बोइंग ने यह नोटिफिकेशन 11 जुलाई को अहमदाबाद-लंदन प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद सामने आई, जिसमें इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच पर सवाल उठाए गए थे। फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में फ्यूल के बहाव को कंट्रोल करते हैं। दूसरी तरफ, न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से रविवार को बताया कि एअर इंडिया ने 2019 में बोइंग के निर्देश के बाद पिछले 6 सालों में अहमदाबाद-लंदन बोइंग 787-8 फ्लाइट के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को दो बार बदला था। TCM में फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं, जो प्लेन क्रैश हादसे की जांच का केंद्र बन गए हैं। क्योंकि 12 जून को अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट में ये स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए थे। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को बताया कि अहमदाबाद-लंदन प्लेन में TCM को 2019 और 2023 में बदला गया था। फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद होने से दोनों इंजन बंद हो गए थे
AAIB ने 15 पेज की अपनी रिपोर्ट में बताया कि अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट के दोनों इंजनों में फ्यूल फ्लो को कंट्रोल करने वाले स्विच बंद हो गए थे, इसलिए टेकऑफ के तुरंत बाद इंजन बंद हो गए और विमान का थ्रस्ट खत्म हो गया। पायलट ने 10 सेकेंड बाद दोबारा इन्हें चालू किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। कॉकपिट की रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि क्या तुमने स्विच बंद किया है? दूसरे ने जवाब दिया, नहीं। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि उड़ान से पहले फ्लाइट के एक सेंसर में परेशानी थी जिसे ठीक किया गया। प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला गया है, जैसा कि इस तरह की रिपोर्ट्स में आमतौर पर होता है। यह सिर्फ तथ्यों को प्रस्तुत करती है और अंतिम रिपोर्ट शायद एक-दो साल बाद आएगी जिसमें इस हादसे की असल वजह पता चल सकती है। मेडिकल होस्टल पर प्लेन क्रैश होने के कारण इस हादसे में कुल 270 लोगों की मौत हुई थी। इनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर्स शामिल थे। सिर्फ एक भारतीय मूल के ब्रिटिश यात्री की जान बची। टेकऑफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकेंड ही चली
15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकेंड ही चली। इस समय तक रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमान और इंजन को लेकर किसी ऑपरेटर के लिए कोई चेतावनी या कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। साथ ही रिपोर्ट में मौसम, बर्ड-हिट और सबोटाज जैसे किसी भी कारण का जिक्र नहीं है। दोनों पायलट मुंबई बेस्ड थे और पिछले दिन अहमदाबाद पहुंचे थे। फ्लाइट से पहले पर्याप्त रेस्ट लिया था। को-पायलट इस फ्लाइट के लिए पायलट फ्लाइंग (PF) था और PIC पायलट मॉनिटरिंग (PM) था। इस फ्लाइट के पायलट सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर थे। सुमित को 8,200 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। को पायलट को भी 1,100 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। यानी, दोनों एक्सपीरियंस्ड पायलट थे। फ्यूल कंट्रोल स्विच का काम और तकनीक फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के कॉकपिट में थ्रस्ट लीवर के पास होते हैं। ये इंजन में फ्यूल की सप्लाई को कंट्रोल करते हैं। इसका मुख्य काम इंजन में फ्यूल की सप्लाई को शुरू करना (‘रन’ पोजिशन) या बंद करना (‘कटऑफ’ पोजिशन) है। हर इंजन के लिए अलग-अलग फ्यूल कंट्रोल स्विच होता है। उदाहरण के लिए, बोइंग 787 में दो इंजन हैं, तो दो स्विच होंगे – एक बाएं इंजन के लिए, एक दाएं के लिए। फ्यूल कंट्रोल स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं और इनमें डिटेंट (एक तरह का लॉक) होता है, जो इन्हें अपनी पोजिशन में स्थिर रखता है। स्विच को हिलाने के लिए तीन स्टेप्स चाहिए – पकड़ना, डिटेंट से बाहर निकालना और रिलीज करना। ये कोई नॉर्मल स्विच नहीं है जो गलती से धक्का लगने से दब जाए जाए। जांच कहां तक पहुंची: ……………………………… अहमदाबाद प्लेन क्रैश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… एक्सपर्ट बोले-पायलटों को जल्दबाजी में दोषी बताया, रिपोर्ट में जरूरी हस्ताक्षर नहीं; जांच समिति में अनुभवी पायलट हों एविएशन एक्सपर्ट सनत कौल ने एअर इंडिया फ्लाइट AI171 की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट ठीक नहीं लग रही है। इसमें जरूरी हस्ताक्षर भी नहीं हैं, जबकि यह जरूरी होता है। कौल का कहना है कि इस जांच टीम में ऐसे पायलट को शामिल किया जाना चाहिए, जिसे बोइंग 787 या कम से कम 737 विमान की पूरी समझ हो। पूरी खबर पढ़ें… चेतावनी के बावजूद उड़ा ड्रीमलाइनर, विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल होने का अलर्ट था एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि AI-171 कोड के साथ लंदन जाने वाले एअर इंडिया ड्रीमलाइनर ने पिछली उड़ान दिल्ली से अहमदाबाद के बीच भरी थी। उड़ान के ठीक बाद पायलट ने ‘STAB POS XDCR’ नाम का तकनीकी अलर्ट दर्ज कराया था। इस अलर्ट का मतलब है कि विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें…

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