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बेलराइज इंडस्ट्रीज का IPO 21 मई को ओपन होगा:23 मई तक निवेश का मौका, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,940 ; गाड़ियों के पार्ट्स बनाती है कंपनी

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डीजल-पेट्रोल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी​​​​​​ ​बेलराइज इंडस्ट्रीज का IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग 21 मई को ओपन हो रहा है। निवेशक इस इश्यू के लिए 23 मई तक बोली लगा सकेंगे। 28 मई को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी कुल 2,150 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी करीब 23.89 करोड़ फ्रेश शेयर्स जारी करेगी। कंपनी के मौजूदा निवेशक या प्रमोटर ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए एक भी शेयर नहीं बेचेंगे।
अगर आप भी इस IPO में पैसा लगाने की सोंच रहे हैं तो हम आपको इससे जुड़ी सभी डिटेल्स शेयर कर रहे हैं… मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? बेलराइज इंडस्ट्रीज ने IPO का प्राइस बैंड ₹85 से ₹90 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट के लिए बिडिंग कर सकते हैं, जिसमें 166 शेयर्स मिलेंग। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड 90 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए 14,940 रुपए निवेश करने होंगे। वहीं, रिटेल निवेशक मैक्सिमम 13 लॉट या 2158 शेयर्स के लिए अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से 1,94,220 रुपए इन्वेस्ट करना होगा। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। टू-व्हीलर और EV के कंपोनेंट बनाती है कंपनी 1996 में बनी बेलराइज इंडस्ट्रीज टू-व्हीलर, फोर व्हीलर, कमर्शियल और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए कंपोनेंट बनाती है। कंपनी की भारत में टू-व्हीलर मेटल कंपोनेंट्स सेगमेंट में 24% हिस्सेदारी है। इस सेगमेंट में बेलराइज इंडस्ट्रीज बाजार की टॉप तीन कंपनियों में से एक है। कंपनी का बजाज ऑटो, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प, जगुआर लैंड रोवर और रॉयल एनफी मोटर्स जैसी कंपनियों के साथ इसके लॉग टर्म बिजनेस है। बेलराइज इंडस्ट्रीज के देश के 8 राज्यों में 15 मेन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। कंपनी के ऑटोमोटिव प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में चेसिस सिस्टम, एग्जॉस्ट सिस्टम, बॉडी-इन-व्हाइट पार्ट्स, पॉलीमर कंपोनेंट, बैटरी कंटेनर, सस्पेंशन और स्टीयरिंग कॉलम में 1,000 से अधिक अलग-अलग उत्पाद शामिल हैं। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है। ————————- ये खबर भी पढ़ें… IPO से पहले खरीदें NSE का शेयर: एक साल में 30% चढ़ा; सबसे बड़ी नॉन-लिस्टेड कंपनी बनी NSE, शेयरहोल्डर्स की संख्या 1 लाख के पार आईपीओ से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया यानी, NSE अब शेयरहोल्डर्स की संख्या के मामले में देश की सबसे बड़ी नॉन-लिस्टेड कंपनी बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NSE के शेयरधारकों की संख्या 1,00,000 के आंकड़े को पार कर गई है। अनलिस्टेड शेयर्स में डील करने वाले उमेश पालिवाल ने कहा कि 24 मार्च को शेयर ट्रांसफर प्रोसेस में लगने वाले 3-4 महीने के टाइम को घटाकर 1 दिन कर दिया गया है। इसके बाद से शेयरहोल्डर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा NSE शेयरों की मांग हमेशा बनी रहती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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