Monday, July 21, 2025
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बायजूस और BCCI के बीच समझौता नहीं होगा:सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT का आदेश पलटा, इससे बायजूस पर दिवालिया कार्रवाई शुरू हो सकती है

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सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें एड-टेक फर्म बायजूस और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच 158 करोड़ रुपए के समझौते को मंजूरी दी गई थी। बुधवार (23 अक्टूबर, 2024) को कोर्ट ने समझौते के लिए दी जाने वाली 158.9 करोड़ रुपए की राशि को बोर्ड ऑफ क्रेडिटर्स के पास जमा करने का भी आदेश दिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या बदलेगा: क्रेडिटर्स के विरोध के बाद समझौते पर SC ने रोक लगाई थी
इससे पहले 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बायजूस को झटका देते हुए NCLAT के समझौते की अनुमति वाले फैसले पर रोक लगा दी थी और समझौता राशि को अलग खाते में रखने का आदेश दिया था। बायजूस ग्रुप की कंपनी के कुछ लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले US बेस्ड ग्लास ट्रस्ट ने 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी। इस अपील में ट्रिब्यूनल के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें बायजूस और BCCI को पेमेंट के मामले को सेटल करने की अनुमति दी गई थी। समझौते पर अमेरिका बेस्ड लेंडर्स ने सवाल उठाए थे… NCLAT ने बायजूस-BCCI के समझौते को मंजूर किया था
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने 2 अगस्त को बायजूस की पेरेंट कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI के बीच हुए समझौते को मंजूरी दी थी। दोनों पक्षों के बीच यह समझौता 31 जुलाई को हुआ था। एडटेक स्टार्टअप BCCI को स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट का बकाया 158 करोड़ रुपए देने को राजी हो गई। बायजूस को इस राशि का भुगतान 2 अगस्त और 9 अगस्त को करना था। कंपनी का कंट्रोल फिर बायजू रवींद्रन के पास
NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूलन (NCLT) के 16 जुलाई के आदेश को निलंबित कर दिया, जिसमें कंपनी पर दिवालिया कार्रवाई शुरू करने का आदेश था। हालांकि, फैसले के बाद कंपनी का नियंत्रण अब बायजू रवींद्रन के पास वापस आ जाएगा। 16 जुलाई के NCLT के आदेश के बाद बायजू रवींद्रन और कंपनी की बोर्ड से कंट्रोल ले लिया गया था। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) 2016 के मुताबिक, जिस कंपनी पर दिवालिया की कार्रवाई शुरू होती है, उसके बोर्ड से कंपनी का कंट्रोल ले लिया जाता है। ————————————————————————————— BCCI और बायजूस मामले जुड़़ी ये खबर भी पढ़ें… 1. बायजूस-BCCI समझौते पर सुप्रीम कोर्ट की रोक: NCLAT ने सेटलमेंट को मंजूरी दी थी, टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप से जुड़ा है केस एडटेक कंपनी बायजूस को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को NCLAT के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें फर्म और BCCI के बीच समझौते की अनुमति दी गई थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि बायजूस ने BCCI को जो 158 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है, उसे एक अलग एस्क्रो अकाउंट में रखा जाएगा। पूरी खबर पढ़ें… 2. Byju’s के फाउंडर बोले- मैं धोखेबाज नहीं, वापसी करूंगा: नेटवर्थ जीरो हुई इसके लिए बड़े निवेशक जिम्मेदार, उन्होंने साथ छोड़ा इसलिए हालात बिगड़े फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने कहा कि मुश्किल समय में सहयोगियों ने साथ छोड़ दिया, जिससे कंपनी के हालात खराब हुए थे। रवींद्रन ने वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में ये बात कही। पूरी खबर पढ़ें… 3. Byju’s के राइज एंड फॉल की पूरी कहानी: एक ओर वर्ल्ड कप स्पॉनसर कर रही थी कंपनी, दूसरी ओर कर्मचारियों को काम से निकाला कभी जिस कंपनी ने IPL जैसे टूर्नामेंट को स्पॉन्सर किया, आज उसकी नेटवर्थ जीरो यानी शून्य हो चुकी है। इसका सीधा मतलब ये है कि कंपनी कर्ज में डूब चुकी है। कंपनी अपने बैंक बैलेंस और असेट्स से ज्यादा कर्ज ले चुकी है।
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