Friday, April 25, 2025
Latest:
International

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार केस में बरी:सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल की सजा को पलटा; पिछले साल जेल से रिहा हुई

Share News

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और BNP नेता खालिदा जिया की भ्रष्टाचार केस में बरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए खालिदा की 10 साल सजा को खारिज कर दिया। उन्हें पिछले साल अगस्त में जेल से रिहा किया गया था। 79 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। चीफ जस्टिस डॉ. सैयद रैफात की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसले के पीछे खालिदा और बाकी लोगों पर बदले की मंशा से कार्रवाई करने का हवाला दिया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक खालिदा जिया के अलावा, BNP के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान और बाकी लोगों को भी रिहा कर दिया गया है। इन सभी को जिया अनाथालय ट्रस्ट घोटाले से जुड़े मामले में दोषी बनाया गया था। 2018 में 10 साल की सजा मिली खालिदा जिया को 8 फरवरी 2018 को ढाका की स्पेशल कोर्ट ने जिया अनाथालय ट्रस्ट के नाम पर सरकारी पैसे का गबन करने के आरोप में 5 सुनाई गई थी। खालिदा के बेटे तारिक और अन्य 5 आरोपियों को भी 10 साल कठोर कारावास की सजा दी गई थी। इन पर 2.1 करोड़ बांग्लादेशी टका का जुर्माना भी लगा था। तारिक और अन्य 2 आरोपी फरार हो गए थे। जिया ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इस पर कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2018 को सुनवाई करते हुए सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया था। इसके बाद खालिदा ने सजा के खिलाफ लीव-टू-अपील यानी सीधे सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने की अपील की थी। 5 साल तक कानूनी प्रक्रियाओं के चलते इसमें देरी होती रही। इलाज के लिए लंदन में हैं खालिदा खालिदा लंबे समय से बीमार चल रही हैं। इस महीने की शुरुआत में 7 जनवरी को वे इलाज के लिए लंदन गई हैं। उन्हें कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई थी। हसीना को लिवर सिरोसिस, हार्ट डिजीज और किडनी की बीमारी है। खालिदा जिया दो बार 1991 से 1996 और 2001 से 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। ————————– बांग्लादेश से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… शेख हसीना के पिता अब बांग्लादेश के राष्ट्रपिता नहीं:नई स्कूली किताबों में खालिदा जिया के पति जियाउर रहमान को आजादी का क्रेडिट दिया बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने शेख हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को मिटाना शुरू कर दिया है। मौजूदा सरकार ने बांग्लादेश की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव करने का फैसला किया है। डेली स्टार के मुताबिक अब से किताब में बताया जाएगा कि साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मुजीबुर्रहमान ने नहीं बल्कि जियाउर रहमान ने दिलाई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *