Tuesday, July 29, 2025
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बजाज ई-स्कूटर चेतक का प्रोडक्शन रोक सकता है:रेयर अर्थ मैग्ननेट खत्म होने की बात कही, ये ईवी की मोटर का जरूरी पार्ट

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बजाज ऑटो अगले महीने (अगस्त 2025) से अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर चेतक और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर गोगो का प्रोडक्शन पूरी तरह रोक सकता है। क्योंकि, कंपनी के पास रेयर अर्थ मैग्नेट्स का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है। इसकी वजह, चीन की ओर से रेयर अर्थ मेटल्स की सप्लाई पर रोक लगना है। कंपनी के MD राजीव बजाज ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि जून 2025 में तो कंपनी अपने मौजूदा स्टॉक से प्रोडक्शन चला रही थी, लेकिन जुलाई में ये आधा रह गया। अब अगस्त तक स्टॉक खत्म होने की कगार पर है। इससे प्रोडक्शन शून्य हो सकता है। जुलाई में कंपनी ने प्रोडक्शन आधा किया बजाज ऑटो भारत की दूसरी सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी है। जून में कंपनी ने 23,004 यूनिट्स बेची थीं, जो पिछले साल से 154% ज्यादा है। लेकिन, रेयर अर्थ मैग्नेट्स की कमी के कारण जुलाई में प्रोडक्शन आधा करना पड़ा है। इससे बिक्री पर असर पड़ना तय है। अगर अगस्त में प्रोडक्शन रुका, तो कंपनी की मार्केट शेयर, रेवेन्यू और EBITDA (प्रॉफिट) पर बड़ा झटका लगेगा। राजीव ने माना कि EV पोर्टफोलियो अब प्रॉफिट देने लगा था, लेकिन ये संकट सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है। गाड़ी में रेयर अर्थ मेटल्स का इस्तेमाल कहां-कहां होता है 4 महीने से रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से जूझ रही भारतीय कंपनियां बजाज के अलावा देश में टॉप इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियां एथर एनर्जी और TVS मोटर भी प्रोडक्शन घटा चुकी हैं। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 4 महीने से चीन से इंपोर्ट की जाने वाली रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से भारतीय कंपनियां जूझ रही हैं। ये मैग्नेट इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए बेहद जरूरी हैं और बिना इनके इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने में दिक्कत हो रही है। प्रोडक्शन घटने से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की कीमतें बढ़ सकती हैं। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली ये कंपनियां भी प्रभावित ये 4 कंपनियां भारत में बिकने वाले 80% इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाती हैं। चीन की पाबंदियां बनी रहीं, तो महंगी होंगी ईवी अगर चीन की पाबंदियां बनी रहीं, तो ग्लोबल लेवल पर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों पर इसका असर देखने को मिलेगा। कच्चे माल की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे गाड़ियों के दाम भी ऊपर जा सकते हैं। भारत सहित सभी बाजारों में भी इसका असर धीरे-धीरे दिखेगा। भारत में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन से इम्पोर्ट जल्द शुरू न हुआ तो इलेक्ट्रिक और ICE वाहनों के कारखानों का प्रोडक्शन रुक सकता है। भारत में मैन्युफैक्चरर्स के पास 6 से 8 हफ्तों की सप्लाई बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में EV ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्रस के पास 6 से 8 हफ्तों की REM सप्लाई बची है, वहीं CNBC-TV18 को टीवीएस मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर सुदर्शन वेणू ने बताया था कि चीन के प्रतिबंधों का असर जून या जुलाई के उत्पादन में देखने को मिलेगा। रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की करीब 70% हिस्सेदारी बता दें कि ग्लोबल लेवल पर रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की हिस्सेदारी करीब 70% और प्रोडक्शन में करीब 90% तक है। चीन ने हाल ही में अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी थी। चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। स्पेशल परमिट के जरिए ही होगा एक्सपोर्ट चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं। कंपनियों को चीन से मैग्नेट मंगाने के लिए ‘एंड-यूज सर्टिफिकेट’ देना होगा। इसमें यह बताना पड़ेगा कि यह चुंबक सैन्य उद्देश्यों के लिए तो नहीं हैं। ——————————————————— ये खबर भी पढ़ें… मारुति सुजुकी ने ई-विटारा के प्रोडक्शन में कटौती की: चीन के रेयर अर्थ मैग्नेट सप्लाई रोकने के कारण फैसला, सरकार से मदद मांगी भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक SUV ई-विटारा के प्रोडक्शन में कटौती कर रही है। मारुति सुजुकी का अप्रैल-सितंबर 2025 के बीच 26,500 से ज्यादा गाड़ियां बनाने का प्लान था ,लेकिन अब सिर्फ 8,000 गाड़ियां बनाएगी। हालांकि, कंपनी का कहना है कि वो मार्च 2026 तक अपने पूरे साल के 67,000 गाड़ियों के टारगेट को पूरा करने की कोशिश करेगी। इसके लिए बाद के महीनों में प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…

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