फरवरी में 1611 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन हुए:इससे कुल ₹21.96 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर हुई, सालाना आधार पर 33% बढ़ा लेनदेन
फरवरी 2025 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए 1611 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान इस दौरान कुल 21.96 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 33% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इसके जरिए ट्रांसफर हुई अमाउंट में 20% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले यानी फरवरी 2024 में 1210 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए 18.28 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ था। वहीं, इस महीने 3 मार्च तक करीब 39 लाख UPI ट्रांजैक्शन हुए, इसके जरिए 1050 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर गई। जनवरी के मुकाबले फरवरी में 5% कम ट्रांजैक्शन एक महीने पहले यानी जनवरी की तुलना में ट्रांजैक्शन की संख्या में 5% की कमी रही। जनवरी में लोगों ने 1699 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए 23.48 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई।नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) UPI को रेगुलेट करती है। UPI को NCPI ऑपरेट करता है भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था। UPI कैसे काम करता है? UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।