पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को BWF ने सस्पेंड किया:टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड जीता था, 28 अगस्त से शुरू होंगे पैरालिंपिक गेम्स
पैरालिंपिक गेम्स से पहले भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें एंटी डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के चलते निलंबित किया गया है। भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल एसएल3 क्लास के फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर गोल्ड मेडल जीता था। BWF को अपनी लोकेशन नहीं बताई
प्रमोद भगत ने बीते 12 महीनों में तीन मौके पर (वे क्या कर रहे) इस बार में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन को नहीं बताया था। ऐसे में उनपर BWF के एंटी डोपिंग नियम ‘व्हेयरअबाउट’ के उल्लंघन का आरोप है। BWF ने एक बयान में कहा, “भारत के टोक्यो 2020 पैरालिंपिक चैंपियन प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए निलंबित किया गया है और वह पेरिस पैरालिंपिक नहीं खेलेंगे” वे एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे।36 साल के एसएल3 खिलाड़ी भगत ने cas के अपील विभाग में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी जो पिछले महीने खारिज हो गई। 28 अगस्त से होने हैं पैरालिंपिक गेम्स
29 जुलाई 2024 को CAS के अपील विभाग ने भगत की अपील खारिज कर दी और CAS के डोपिंग सेक्शन ने एक मार्च 2024 को इस फैसले के बारे में बताया, “यह निलंबन एक सितंबर 2025 तक लागू रहेगा” पेरिस पैरालिंपिक गेम्स 28 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक होने हैं। प्रमोद को चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था
प्रमोद भगत का जन्म 4 जून 1988 को बिहार के हाजीपुर में हुआ था। हालांकि बाद में प्रमोद ओडिशा में आकर बस गए। भगत को चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था और अपने पड़ोसी को खेलते हुए देखकर ही वह इस खेल में आए थे। शरद कुमार के बाद प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक में शानदार प्रदर्शन कर बिहार के साथ-साथ देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने बैडमिंटन में भारत के लिए गोल्ड जीता है। प्रमोद के पिता गांव में रहकर खेती करते हैं। पिता रामा भगत कहते हैं- “बचपन से ही उसकी खेल में रुचि थी। वो सबको हरा देता था। तभी उसको पोलियो हो गया। इससे सब निराश हो गए थे। हमारी बहन किशुनी देवी और बहनोई कैलाश भगत को कोई संतान नहीं है। उन्होंने उसे गोद ले लिया और अपने साथ भुवनेश्वर में रखा। वहीं उसकी शिक्षा-दीक्षा हुई। इंटर के बाद उसने ITI किया है। ” दिव्यांग होने के बावजूद प्रमोद की खेल में रुचि ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। इसके पहले 2006 में उनका चयन ओडिशा टीम में हुआ था। वहीं, 2019 में उनका चयन राष्ट्रीय टीम में हुआ था। प्रमोद को 2019 में अर्जुन अवॉर्ड और ओडिशा सरकार की ओर से बीजू पटनायक अवॉर्ड मिल चुका है। प्रमोद के लिए 2021 बेहतरीन रहा
दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी प्रमोद भगत के लिए 2021 बेहतरीन रहा है। उन्होंने अप्रैल में दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते थे। भगत ने कोरोना महामारी के कारण एक साल के ब्रेक के बाद वापसी की थी। उन्होंने सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा मनोज सरकार के साथ मिलकर एसएल4-एसएल3 वर्ग में मिक्स्ड डबल्स का स्वर्ण पदक भी जीता था। वे वर्ल्ड चैम्पियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 इंटरनेशनल पदक जीत चुके हैं। BWF वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था।