पति के देर से घर आने पर नाराज महिला ने ट्रेन के आगे छलांग लगाई, सदमे में आये पति ने भी फांसी लगा कर ले ली खुद की जान
जयपुर: सुहागनों का त्यौहार करवा चौथ को पत्नियां काफी धूमधाम से मनाती है। पति की लंबी आयु की कामना करती है। लेकिन जयपुर में यह करवा चौथ का त्यौहार ट्रेजडी में बदल गया। पुलिस ने सोमवार को बताया कि करवा चौथ की रात पति के देर से घर आने को लेकर पति-पत्नी में कहासुनी होने के बाद एक महिला ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उसके पति ने भी सदमे में आकर फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि यह घटना रविवार को हरमारा थाना क्षेत्र के नांगल सिरस गांव में हुई, जब घनश्याम बुनकर (38) देर रात घर आया और उसकी पत्नी मोनिका (35) से कहासुनी हो गई।
पति के देर से घर आने को लेकर पति-पत्नी में कहासुनी
करवा चौथ की रात पति के देर से घर आने को लेकर पति-पत्नी में कहासुनी होने के बाद एक महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला गुस्से में चलती ट्रेन के आगे कूद गई। बाद में उसके पति ने भी सदमे में आकर फांसी लगा ली।
पत्नी चलती ट्रेन के सामने कूद गई
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि यह घटना रविवार को राजस्थान के हरमारा इलाके में हुई, जब घनश्याम बुनकर (38) देर रात घर आया और अपनी पत्नी मोना (35) से बहस करने लगा। पुलिस ने बताया कि मोना रात करीब 12.30 बजे गुस्से में घर से निकली और घनश्याम भी उसके पीछे चला गया। इसके कुछ देर बाद ही पत्नी चलती ट्रेन के सामने कूद गई।
पति ने भी फांसी लगा ली
पुलिस ने बताया कि पत्नी की मौत से सदमे में पति घर लौटा और उसने फांसी लगा ली, जबकि उसके दोनों बच्चे अलग कमरे में सो रहे थे। आत्महत्या करने से पहले घनश्याम ने अपने भाई को व्हाट्सएप पर पत्नी की आत्महत्या की सूचना देते हुए संदेश भेजा। हरमारा एसएचओ उदय भान ने बताया कि पति निजी क्षेत्र में काम करता था। उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
करवा चौथ पति की लंबी उम्र के लिए रखा जानें वाला व्रत है-
करवा चौथ उत्तरी और पश्चिमी भारत में हिंदू महिलाओं द्वारा अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए मनाए जाने वाले कई त्योहारों में से एक है। इस साल यह त्योहार 20 अक्टूबर, रविवार को मनाया गया।
इस दिन, विवाहित महिलाएँ निर्जल व्रत रखती हैं – बिना अन्न और जल के व्रत रखती हैं – अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए ईश्वर से आशीर्वाद मांगती हैं। व्रत में चंद्रमा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चंद्रमा के दर्शन के बाद महिलाएँ अपना व्रत तोड़ सकती हैं। व्रत रखने वाली महिलाओं को उनकी सास पारंपरिक सरगी की थाली देती हैं।
यह त्यौहार विशेष रूप से उत्तर भारतीय राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है।