Wednesday, July 9, 2025
Latest:
Jobs

न काम का एक्‍सपीरियंस न रिज्‍यूमे सब्मिट किया:फिर भी चुनी गई; कंपनी के फाउंडर ने कहा- अब तक का बेस्‍ट हायर

Share News

हाल ही में ऑस्‍ट्रेलिया बेस्ड घोस्‍ट राइटिंग एजेंसी के फाउंडर तस्लीम अहमद फतेह ने बताया कि उन्होंने अपनी कंपनी के लिए अब तक की बेस्ट हायरिंग कैसे की। उन्होंने 800 एप्लिकेशन में से बिना एक्सपीरियंस वाली एक कैंडिडेट को सिलेक्ट किया। 6 महीने बाद अब वो कैंडिडेट उनके साथ कंपनी में इक्विटी पार्टनर बन चुकी हैं। उन्होंने अपना हायरिंग एक्सपीरियंस LinkedIn पर शेयर भी किया है। रिज्यूमे नहीं सब्मिट किया, फिर भी चुना गया
कंपनी के फाउंडर ने कहा कि इस GenZ कैंडिडेट ने एप्लिकेशन के साथ कोई रिज्यूमे सब्मिट नहीं किया था। इसकी जगह उसने एक वीडियो एप्लिकेशन बनाया और उसके साथ लैंडिंग पेज की एक डिटेल ऐड की। इस पेज में उसने ये बताया था कि उसे क्यों हायर किया जाना चाहिए और इसे LinkedIn पर भी पोस्ट किया। इस वजह से 800 कैंडिडेट्स में से उसे सिलेक्ट किया गया। 6 महीने में फ्रेशर से बनी कंपनी की इक्विटी पार्टनर
फाउंडर ने बताया कि 6 महीने में ही उसने एजेंसी के लगभग सारे काम संभाल लिए हैं और वो उनकी कंपनी में इक्विटी पार्टनर भी है। उसकी मदद से पिछले महीने ही कंपनी के क्लाइंट्स ने हर महीने 30 मिलियन व्यूज हासिल किए हैं यानी हर दिन 1 मिलियन व्यूज। ‘99% काम सिखाए जा सकते हैं, सीखने की इच्छा को प्रायोरिटी दें’
कंपनी के फाउंडर ने ये भी कहा कि मैंने हमेशा हायरिंग मैनेजर्स को ये कहा है कि जरूरी नहीं की सबसे ज्यादा चमकने वाला रिज्यूमे आपके लिए बेस्ट कैंडिडेट हो। 99% काम सिखाए जा सकते हैं। लाएबा इस बात की जीती जागती सबूत है। ऐसे में हमें हमेशा ऐसे कैंडिडेट्स को वरीयता देनी चाहिए जो सीखने की इच्छा रखते हैं। ये खबर भी पढ़ें… डिलीवरी बॉय बनकर खुद ऑर्डर लेने पहुंचे Zomato CEO दीपेंद्र:मॉल में घुसने नहीं दिया गया तो सीढ़‍ियों पर बैठे; शेयर किया वीडियो​​​​​​ Zomato के CEO दीपेंद्र गोयल पिछले दिनों डिलीवरी पार्टनर्स का दर्द समझने के लिए डिलीवरी बॉय की यूनिफॉर्म पहनकर खुद ही खाना डिलीवर करने पहुंच गए। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं। पूरी खबर पढ़ें रोल्स रॉयस से स्कूल जाने में शर्माते थे रतन टाटा:पिता के कहने पर आर्किटेक्ट और इंजीनियरिंग की डिग्री ली, एक्‍स्‍ट्रा करिकुलर से हमेशा दूरी रखी 9 अक्‍टूबर को रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। 3,800 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक रतन टाटा ने अपनी पढ़ाई और काम से कभी समझौता नहीं किया। एक दौर में टाटा ग्रुप के बारे में कहा जाता था कि इस कंपनी का कोई भी शेयर उठा लो, मुनाफा ही देकर जाएगा। पूरी खबर पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *