Friday, July 18, 2025
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थोक महंगाई 20 महीने के निचले स्तर पर:जून में ये माइनस 0.13% रही, खाने-पीने के सामान की कीमतों में कमी आई

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जून महीने के थोक महंगाई घटकर माइनस 0.13% पर आ गई है। ये इसका 20 महीने का निचला स्तर था। इससे पहले अक्टूबर 2023 में ये माइनस 0.56% पर थी। वहीं मई में ये 0.39% और अप्रैल में 0.85% पर थी। रोजाना की जरूरत के सामान और खाने-पीने की चीजों की कीमतों के घटने से महंगाई कम हुई है। रोजाना जरूरत के सामान, खाने-पीने की चीजें सस्ती हुईं होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) का आम आदमी पर असर
थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है। जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है। होलसेल महंगाई के तीन हिस्से प्राइमरी आर्टिकल, जिसका वेटेज 22.62% है। फ्यूल एंड पावर का वेटेज 13.15% और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट का वेटेज सबसे ज्यादा 64.23% है। प्राइमरी आर्टिकल के भी चार हिस्से हैं। महंगाई कैसे मापी जाती है?
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरी थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं। वहीं, होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) का अर्थ उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है। महंगाई मापने के लिए अलग-अलग आइटम्स को शामिल किया जाता है। जैसे थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 63.75%, प्राइमरी आर्टिकल जैसे फूड 22.62% और फ्यूल एंड पावर 13.15% होती है। वहीं, रिटेल महंगाई में फूड और प्रोडक्ट की भागीदारी 45.86%, हाउसिंग की 10.07% और फ्यूल सहित अन्य आइटम्स की भी भागीदारी होती है। बिजनेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… चांदी ₹1,13,773 के ऑल टाइम हाई पर; आज ₹3483 महंगी हुई, इस साल ₹28000 बढ़े दाम चांदी की कीमत लगातार दूसरे दिन ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार सोमवार, 14 जुलाई को एक किलो चांदी की कीमत 3,483 रुपए बढ़कर 1,13,773 रुपए पर पहुंच गई है। शुक्रवार (11 जुलाई) को यह 1,10,290 रुपए प्रति किलो पर थी। जो इसका ऑल टाइम हाई था। पूरी खबर पढ़ें

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