Saturday, April 19, 2025
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ट्रम्प को सीधे कवर नहीं कर पाएंगी बड़ी न्यूज एजेंसियां:व्हाइट हाउस ने रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और AP को प्रेस पूल से बाहर किया

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अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने व्हाइट हाउस प्रेस पूल से रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और एसोसिएटेड प्रेस (AP) न्यूज एजेंसी को बाहर करने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस ने 15 अप्रैल को कहा कि इन न्यूज एजेंसी को प्रेस पूल में अब स्थायी जगह नहीं मिलेगी। प्रेस पूल एक छोटा सा ग्रुप होता है, जिसमें करीब 10 मीडिया संस्थान होते हैं। इसमें कुछ पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल होते हैं। ये लोग राष्ट्रपति की हर छोटी-बड़ी गतिविधि को कवर करते हैं और बाकी पत्रकारों को जानकारी देते हैं। व्हाइट हाउस ने 111 साल पुरानी परंपरा बदली व्हाइट हाउस प्रेस पूल की शुरुआत 1950 के दशक में राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के समय हुई थी। दरअसल राष्ट्रपति को कवर करने के लिए पत्रकारों की भीड़ बढ़ने लगी। इससे निपटने के लिए पत्रकारों का एक छोटा सा ग्रुप बनाया गया। इसे प्रेस पूल नाम दिया गया। प्रेस पूल में कौन से मीडिया हाउस होंगे यह तय करने की जिम्मेदारी व्हाइट हाउस करेस्पोंडेंस एसोसिएशन (WHCA) के पास थी। यह पत्रकारों का एक स्वतंत्र संगठन है। इसकी स्थापना साल 1914 में हुई थी। बाकी मीडिया संस्थान जो वॉशिंगटन से सीधे जुड़े नहीं हैं, वे वे अप-टू-डेट रिपोर्टिंग, वीडियो और ऑडियो के लिए इन्हीं न्यूज एजेंसियों पर निर्भर हैं। प्रेस पूल की जिम्मेदारी WHCA को इसलिए दी गई थी ताकि व्हाइट हाउस पक्षपाती तरीके से पत्रकारों को न चुन सके और सभी को निष्पक्ष जानकारी मिले। हालांकि एक सदी से ज्यादा समय से चली आ रही ट्रेडिशन को अब बदल दिया गया है। अब व्हाइट हाउस ही यह तय करेगा कि राष्ट्रपति के करीब कौन सा मीडिया हाउस पहुंच सकता है और कौन नहीं। रोजाना प्रेस पूल मेंबर्स को चुनेगा व्हाइट हाउस व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अब उनकी टीम ही रोजाना प्रेस पूल के मेंबर्स को चुनेंगी। इसका मकसद राष्ट्रपति ट्रम्प का संदेश सही दर्शकों तक पहुंचाना और हर मुद्दे के लिए एक्सपर्ट पत्रकारों को रखना है। प्रेस सचिव लेविट ने दावा किया कि इससे प्रेस पूल में ज्यादा वैराइटी आएगी। हालांकि व्हाइट हाउस के इस फैसले को प्रेस की आजादी पर हमला माना जा रहा है। फैसले के विरोधियों का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र पत्रकारिता को कमजोर करता है। रॉयटर्स की प्रवक्ता ने कहा, “हमारी खबरें हर दिन अरबों लोगों तक पहुंचती हैं। सरकार का यह कदम जनता के उस अधिकार को खतरे में डालता है, जिसमें उसे स्वतंत्र और सटीक जानकारी मिलनी चाहिए।” प्रेस पूल में पत्रकार ही नहीं कंटेंट क्रिएटर भी शामिल होंगे व्हाइट हाउस ने साफ नहीं बताया, लेकिन प्रेस सचिव लेविट ने कहा कि वे पॉडकास्टर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और ‘न्यूज से जुड़े कंटेंट क्रिएटर्स’ को मौका देना चाहते हैं। हाल ही में उन्होंने ट्रम्प समर्थक लोगों को मौका दिया है, जैसे पॉडकास्टर सेज स्टील और राइट साइड ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क के ब्रायन ग्लेन। पहले केवल WHCA के सदस्य जिसमें सैकड़ों पत्रकार हैं, वे ही पूल में शामिल हो सकते थे, लेकिन अब व्हाइट हाउस अपने हिसाब से लोगों को चुनेगा। गल्फ ऑफ अमेरिका को लेकर हुआ था विवाद व्हाइट हाउस और प्रेस के बीच सबसे पहले विवाद फरवरी 2025 में शुरू हुआ था, जब व्हाइट हाउस ने न्यूज एजेंसी AP को प्रेस पूल से बाहर कर दिया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस मीडिया हाउस ने मेक्सिको की खाड़ी को ‘गल्फ ऑफ अमेरिका’ कहने से इनकार कर दिया था। प्रेस पूल से बाहर किए जाने के बाद AP ने ट्रम्प सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। पिछले सप्ताह इस मामले में फेडरल जज ने न्यूज एजेंसी के पक्ष में फैसला सुनाया है। जज ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने न्यूज एजेंसी के खिलाफ बदले की कार्रवाई की। यह अमेरिकी संविधान में प्रेस की आजादी का उल्लंघन है। इसके बाद जज ने AP को ओवल ऑफिस और एयर फोर्स वन में होने वाले प्रेस आयोजनों में दोबारा शामिल करने का आदेश दिया। न्यूज मैक्स-द ब्लेज जैसे मीडिया हाउस को प्रेस पूल में जगह
व्हाइट हाउस ने न्यूज एजेंसी AP के साथ-साथ रॉयटर्स और ब्लूमबर्ग को भी प्रेस पूल से बाहर कर दिया है। इनकी जगह अब न्यूजमैक्स और द ब्लेज जैसे कंजरवेटिव मीडिया को प्रेस पूल में जगह दी गई है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे राष्ट्रपति ट्रम्प को कवर नहीं कर पाएंगे। अब ये न्यूज एजेंसियां 30 दूसरे प्रिंट मीडिया आउटलेट्स के साथ रोटेशन में शामिल होंगे। रोटेशन में होने की वजह से इनकी राष्ट्रपति की गतिविधियों तक सीधी पहुंच कम हो जाएगी। न्यूज एजेंसी AP की प्रवक्ता लॉरेन ईस्टन ने इसे अमेरिकी जनता के लिए ‘गंभीर नुकसान’ बताया है। रॉयटर्स ने कहा कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए काम करते रहेंगे। …………………………. ट्रम्प बोले-गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम गल्फ ऑफ अमेरिका करेंगे:कहा- यह नाम ज्यादा सुंदर; किसी जगह का नाम बदलना आसान नहीं, जानिए प्रोसेस डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे ‘गल्फ ऑफ मेक्सिको’ का नाम बदलकर ‘गल्फ ऑफ अमेरिका रखेंगे’। मार ट्रम्प ने कहा कि यह नाम ज्यादा ‘सुंदर’ लगता है और यही नाम रखना सही भी है। ट्रम्प ने कहा कि इस इलाके में अमेरिका की ज्यादा मौजूदगी है। अमेरिका इस इलाके में सबसे ज्यादा एक्टिविटी करता है इसलिए ये जगह अमेरिका की है। ट्रम्प ने कहा कि बहुत जल्दी ही किसी तारीख को गल्फ का नाम बदलने की घोषणा की जाएगी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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