Friday, July 18, 2025
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टेस्ला भारत में 8 चार्जिंग स्टेशन लगाएगी:इनमें एक बार में 252 गाड़ियां चार्ज हो सकेंगी, टाटा-महिंद्रा से मिलेगी चुनौती

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टेस्ला का पहला शोरूम मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में खुल गया है। अभी कंपनी ने भारतीय बाजार में अपनी सबसे पॉपुलर कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक SUV मॉडल Y को उतारा है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 60 लाख रुपए से शुरू होती है। इसके अलावा कंपनी ने स्टोर से करीब 6 किलोमीटर दूर एक सर्विस सेंटर और गोडाउन भी खोला है। कंपनी ने स्टोर ओपनिंग के साथ ही मुंबई और दिल्ली में 8 चार्जिंग स्टेशन सेटअप लगाने की घोषणा भी की है। इन स्टेशन्स पर एक बार में 252 इलेक्ट्रिक गाड़ियां चार्ज हो सकेंगी। कंपनी भारत में अन्य मॉडल लॉन्च करने के साथ अन्य प्रमुख शहरों में स्टोर भी खोलेगी। इसके साथ ही कंपनी ने अपनी अग्रेसिव अप्रोच से भारतीय बाजार में मौजूद बड़े प्लेयर्स को जता दिया है कि वह कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है। इस खबर में हम जानेंगे कि टेस्ला के आने से भारतीय EV मार्केट पर क्या असर होगा, टेस्ला दुनिया में क्यों पॉपुलर है, भारत में उसके सामने क्या-क्या चुनौतियां रहेंगी। साथ ही ये भी जानेंगे कि कौन-सी कंपनियां टेस्ला को टक्कर देंगी… खबर में आगे बढ़ने से पहले पोल में शामिल होकर अपनी राय दे सकते हैं… एक्सपीरियंस सेंटर के तौर पर काम करेगा टेस्ला का शोरूम टेस्ला स्टोर लोगों के लिए एक एक्सपीरियंस सेंटर के तौर पर काम करेगा। यानी यहां न सिर्फ कंपनी की इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेची जाएंगी, बल्कि लोग टेस्ला की टेक्नोलॉजी और फीचर्स को भी करीब से देख सकेंगे। 2024 में आई भारत की नई EV पॉलिसी के मुताबिक, अगर टेस्ला 4,150 करोड़ रुपए निवेश करता है, तो इम्पोर्ट ड्यूटी 70% से घटकर 15% जाएगी। इससे भविष्य में कंपनी की कारों की कीमतें कम हो सकती हैं। कुछ समय पहले खबर आई थी कि टेस्ला गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में फैक्ट्री लगाने पर विचार कर रही है, लेकिन फिलहाल कंपनी भारत में सिर्फ इंपोर्टेड कारें बेचने पर ध्यान दे रही है। टेस्ला के भारत में आने की बड़ी वजहें 1. ग्लोबल सेल्स में कमी से नए मार्केट की तलाश साल 2024 में ग्लोबल मार्केट में; खासकर अमेरिका, यूरोप और चीन में टेस्ला की सेल्स गिरी हैं। जर्मनी और इटली में तो ये 76% और 55% तक गिर गई। भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है और यहां EV का मार्केट शेयर सिर्फ 5% के आसपास है। इसलिए यहां टेस्ला को नए ग्रोथ अवसर नजर आ रहे हैं। भारत में EV डिमांड बढ़ रही है। भारत में 2024 में 19.93% की ग्रोथ के साथ 99,165 इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकीं। 2. भारत की नई EV नीति नई EV पॉलिसी ने आयात शुल्क को 100% से घटाकर 70% किया, बशर्ते कंपनी EV क्षेत्र में ₹4,150 करोड़ निवेश करे। तीन साल में लोकल लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने पर इसे 15% कर दिया जाएगा। इससे टेस्ला को मॉडल Y जैसी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को कम टैक्स के साथ इम्पोर्ट करने का मौका मिला। 3. प्रीमियम EV सेगमेंट में डिमांड भारत में लग्जरी EV की मांग बढ़ रही है। टेस्ला की मॉडल Y (₹59.89-67.89 लाख) इस सेगमेंट को टारगेट करती है, जो BMW iX1 और मर्सिडीज EQA से टक्कर लेगी। भारतीय EV मार्केट को 2030 तक 28 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकने की उम्मीद है।
टेस्ला के भारत में आने से ऑटो मार्केट पर क्या असर होगा भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है और EV की मांग यहां तेजी से बढ़ रही है। सरकार भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में टेस्ला का आना इस सेक्टर में एक नई क्रांति ला सकता है। शुरू में टेस्ला की ऊंची कीमत और इम्पोर्टेड ड्यूटी के कारण इसका असर प्रीमियम सेगमेंट तक सीमित रहेगा। मास-मार्केट ब्रांड्स टाटा, महिंद्रा जैसी कंपनियों पर तुरंत असर होने की उम्मीद कम है। टेस्ला के सामने 5 प्रमुख चुनौतियां 1. हाई इम्पोर्ट ड्यूटी और कीमत: टेस्ला की गाड़ियां CBU (कम्प्लीट्ली बिल्ट यूनिट) के रूप में आयात होंगी। इन पर इम्पोर्ट ड्यूटी और GST लगने से कीमतें प्रीमियम सेगमेंट में पहुंच जाती हैं, जो मास-मार्केट ग्राहकों के लिए महंगी होंगी। इस सेगमेंट में सेल्स लिमिटेड हैं। 2. सीमित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में 8 सुपरचार्जिंग स्टेशन की योजना बनाई है। ग्रामीण और छोटे शहरों में चार्जिंग की कमी टेस्ला की ज्यादा रेंज का फायदा कम कर सकती है। 3. कस्टमर बिहेवियर: भारतीय ग्राहक सर्विस, लागत और रीसेल वैल्यू को प्राथमिकता देते हैं। यहां टेस्ला को अपनी विश्वसनीयता साबित करनी होगी। 4. सर्विस और डीलरशिप नेटवर्क: टेस्ला की डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर सेल्स मॉडल (ऑनलाइन बिक्री) भारत में नई है और इसका सर्विस नेटवर्क अभी सीमित है। BMW, मर्सिडीज, और टाटा जैसे ब्रांड्स का देशभर में मजबूत डीलर और सर्विस नेटवर्क टेस्ला के लिए चुनौती है। 5. लोकल मैन्युफैक्चरिंग में देरी: टेस्ला की गुजरात/कर्नाटक में प्रस्तावित गीगाफैक्ट्री 2026-2027 से पहले शुरू होने की संभावना कम है। तब तक ज्यादा कीमत वाली इम्पोर्टेड गाड़ियों पर निर्भर रहना होगा। टेस्ला का भारत में किन कारों से कॉम्पिटिशन होगा? टेस्ला को भारत में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी स्थानीय कंपनियों से चुनौती मिलेगी। इनके अलावा BYD, BMW, ऑडी और मर्सिडीज जैसे ब्रांड्स भी टेस्ला को टक्कर देंगे। टेस्ला की टेक्नोलॉजी और ब्रांड वैल्यू इसे अलग बनाती है, लेकिन स्थानीय कंपनियों की कीमत और सर्विस नेटवर्क बड़ी चुनौती होगी। टेस्ला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… टेस्ला की भारत में पहली कार लॉन्च:मॉडल Y के दो वैरिएंट, फुल चार्ज पर 500km और 622km की रेंज, कीमत ₹60 लाख से शुरू इलॉन मस्क की ईवी कंपनी टेस्ला ने पहली इलेक्ट्रिक SUV मॉडल Y को भारत में लॉन्च कर दिया है। कंपनी का दावा है कि ये कार एक बार फुल चार्ज में 622 किलोमीटर तक चल सकती है। कार में सेफ्टी के लिए 8 एयरबैग के साथ लेवल-2 एडास जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इलेक्ट्रिक कार को भारत में दो वैरिएंट- रियर व्हील ड्राइव (RWD) और लॉन्ग रेंज रियर व्हील ड्राइव (RWD) में पेश किया गया है। इसकी RWD वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 60 लाख रुपए है। वहीं लॉन्ग रेंज वैरिएंट की कीमत 68 लाख रुपए है। जबकि, ग्लोबल मार्केट में ये कार ऑल व्हील ड्राइव ऑप्शन के साथ भी आती है। पूरी खबर पढ़ें…

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