जेप्टो ने IPO से पहले पैरेंट कंपनी का नाम बदला:किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज से जेप्टो प्राइवेट लिमिटेड किया, साल के आखिरी तक आ सकते है IPO
इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी ऐप जेप्टो ने IPO लॉन्च करने से पहले अपनी पैरेंट कंपनी का नाम बदल दिया है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, अब कंपनी का ऑफिशियल नाम ‘जेप्टो प्राइवेट लिमिटेड’ हो गया है, जो पहले ‘किरानाकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ था। कंपनी को नाम बदलने की मंजूरी मुंबई के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) से मिली है। यह कदम ब्रांड पहचान को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है, जिससे निवेशकों और ग्राहकों के बीच नाम आसानी से याद रखा जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी इस साल के अंत या 2026 की शुरुआत में IPO ला सकती है। जेप्टो ने पिछले कुछ महीनों में टोटल 1.35 बिलियन डॉलर (11,558 करोड़ रुपए) से ज्यादा जुटाए हैं। कंपनी ने जून 2024 में लगभग 5,700 करोड़ रुपए और अगस्त 2024 में लगभग 2,900 करोड़ रुपए जुटाए थे। कंपनी 2,500 करोड़ रुपए और जुटाने का प्लान इसके अलावा कंपनी ने मोतीलाल ओसवाल और रंजन पाई जैसे बड़े निवेशकों से भी लगभग 3,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। अब कंपनी लगभग 2,500 करोड़ रुपए और जुटाने का प्लान बना रही है, ताकि IPO से पहले ज्यादा से ज्यादा घरेलू निवेशक जोड़े जा सकें। जेप्टो फिलहाल जोमैटो के ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट, फ्लिपकार्ट मिनट्स और टाटा बिगबास्केट जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला कर रही है। कंपनी का ग्रॉस मर्चेंटाइज वैल्यू (GMV) अब करीब 4 बिलियन डॉलर (34,251 करोड़ रुपए) है और इसमें सालाना 300% की ग्रोथ दर्ज की गई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, क्विक कॉमर्स इंडस्ट्री आने वाले सालों में करीब 30 बिलिनय डॉलर (लगभग 2.56 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच सकती है, जिससे यह बाजार काफी कॉम्पिटिटिव बन गया है। 2023 में कंपनी को यूनिकॉर्न स्टेटस मिला था अगस्त 2023 में कंपनी ने 235 मिलियन डॉलर (₹1,970 करोड़) का फंड जुटाया था, तब कंपनी को 1.4 बिलियन डॉलर (₹11,741 करोड़) की वैल्यूएशन के साथ यूनिकॉर्न स्टेटस मिला था। कंपनी का टारगेट मार्च 2025 तक अपने डार्क स्टोर्स की संख्या मौजूदा 350 से बढ़ाकर 700 के पार ले जाने का था। भारत की सबसे तेजी से बढ़ती कंज्यूमर इंटरनेट कंपनियों में से एक जेप्टो को 2021 में आदित पलीचा और कैवल्य वोहरा ने स्थापित किया था।