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जस्टिस हेमा कमीशन की रिपोर्ट को तनुश्री ने बेकार बताया:बोलीं- नाना जैसे लोग साइकोपैथ हैं, रिपोर्ट बनाने की जगह एक्शन लेना चाहिए

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सोमवार को केरल सरकार ने जस्टिस के. हेमा कमीशन की रिपोर्ट जारी की है। 295 पेज की इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे कास्टिंग काउच और सेक्शुअल हैरेसमेंट जैसे गंभीर मुद्दों का जिक्र है। अब इस रिपोर्ट पर एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने अपनी राय रखते हुए इसे बेकार बताया है। उन्होंने कहा- मैं इन कमेटीज और रिपोर्ट्स को नहीं समझ पाती हूं। मुझे लगता है कि यह बेकार हैं। तनुश्री बोलीं- आरोपियों को गिरफ्तार कर मजबूत कानून लाना चाहिए तनुश्री ने आगे विशाखा कमेटी का हवाला दिया, जिसका मकसद है वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न जैसी चीजों को रोकना। एक्ट्रेस ने कहा- आखिर इस नई रिपोर्ट का क्या मतलब है? उन्हें बस आरोपियों को गिरफ्तार करना था और एक मजबूत कानून व्यवस्था लागू करनी थी। मुझे विशाखा कमेटी के बारे में याद है, जो बहुत सारे गाइडलाइंस लेकर आई और पन्ने दर पन्ने रिपोर्ट तैयार की। लेकिन उसके बाद क्या हुआ? कमेटीज के नाम तो बदलते रहते हैं। नाना पाटेकर को बताया साइकोपैथ तनुश्री कहती हैं- नाना (नाना पाटेकर) जैसे लोग साइकोपैथ होते हैं। उनका कोई इलाज नहीं है। केवल दुष्ट लोग ही वैसा कर सकते हैं, जैसा उन्होंने किया है। मैं इन कमेटीज की परवाह नहीं करती। मुझे इस सिस्टम पर भी विश्वास नहीं है। ऐसा लगता है कि इन रिपोर्ट्स और कमेटीज के साथ, लोग सही काम करने के बजाय सिर्फ हमारा समय बर्बाद कर रहे हैं। सेफ वर्क प्लेस होना किसी भी महिला या किसी भी व्यक्ति के लिए एक बुनियादी अधिकार है। 2018 में तनुश्री ने नाना पर लगाए थे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप तनुश्री ने 2018 में नाना पाटेकर, डांस कोरियोग्राफर गणेश आचार्य और डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री पर मीटू मूवमेंट के तहत सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे। तनुश्री का कहना था कि एक्टर नाना पाटेकर ने उन्हें सैक्सुअली हैरस करने की कोशिश की थी। तनुश्री का यह भी कहना था कि जब सिर्फ उनकी शूटिंग होती थी, तब भी नाना पाटेकर सेट पर मौजूद रहते थे। तनुश्री के इस आरोप के बाद नाना पाटेकर के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी।

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