Monday, July 21, 2025
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जयशंकर बोले- SCO आतंकवाद-अलगाववाद से निपटने के लिए बना:पहलगाम हमले की फिर निंदा की, कहा- इसके दोषियों को सजा दी जानी चाहिए

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार, भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री 15 जुलाई को चीन के तियानजिन में आमने-सामने आए। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम हमले के निंदा की। जयशंकर ने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए किया गया था। उन्होंने SCO से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग की। उन्होंने कहा- SCO तीन बुराइयों से निपटने के लिए बना, वे हैं आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें हमले में जिम्मेदार लोगों को सजा देने की बात कही गई थी। SCO आतंकवाद पर कोई समझौता न करे जयशंकर ने कहा- यह जरूरी है कि SCO आतंकवाद पर कोई समझौता न करे। भारत-पाकिस्तान विवाद के अलावा जयशंकर ने अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठाया और SCO सदस्यों से विकास सहायता बढ़ाने का आग्रह किया, जिसके लिए भारत ने भी प्रतिबद्धता जताई। जयशंकर ने कहा- भारत ने एससीओ में स्टार्टअप और नवाचार से लेकर पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तक, कई क्षेत्रों में कई पहल की हैं। इससे पहले जयशंकर ने मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। वे बीजिंग में वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भी शामिल हुए थे। जयशंकर की यह यात्रा, पिछले पांच सालों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली चीन यात्रा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री- भारत ने बिना जांच इल्जाम लगाए दूसरी ओर, पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पहलगाम हमले के लिए बिना ठोस जांच के पाकिस्तान पर इल्जाम लगाने के लिए भारत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में गंभीर संघर्ष की स्थिति बन गई थी। डार ने युद्धविराम की प्रतिबद्धता दोहराई, लेकिन मनमाने ढंग से सैन्य बल के उपयोग के खिलाफ चेतावनी दी। डार ने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बातचीत और कूटनीति जरूरी है। उन्होंने भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले पर भी चिंता जताई। चीनी विदेश मंत्री से व्यापार और पर्यटन पर चर्चा बीजिंग में हुई बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से व्यापार और पर्यटन को लेकर भी अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने चीन द्वारा लगाए गए एक्सपोर्ट कंट्रोल और व्यापारिक प्रतिबंधों को लेकर चिंता जताई। जयशंकर ने साफ कहा कि चीन को ऐसे कदमों से बचना चाहिए जो भारत के उत्पादन क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारत और चीन के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने यात्रा को आसान बनाने, सीधी उड़ानों (डायरेक्ट फ्लाइट्स) को फिर से शुरू करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उनका मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ और भरोसा बढ़ेगा। जयशंकर बोले- भारत-चीन के संबंध सुधर रहे जयशंकर और वांग यी के बीच सोमवार को द्विपक्षीय बैठक हुई। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की थी। इस बैठक में जयशंकर ने कहा- भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं। जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है। उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है। ————————————————————————- ये खबर भी पढ़ें… चीन में जिनपिंग से मिले जयशंकर, कहा- रिश्ते सुधर रहे:राहुल गांधी बोले- भारत की विदेश नीति को बर्बाद कर रहे जयशंकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस मुलाकात पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री भारत की विदेश नीति को बर्बाद कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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