जंग को वीडियो गेम की तर्ज पर लड़ रहा यूक्रेन:रूसी टैंक उड़ाओ, पॉइंट्स कमाओ, हथियार पाओ; जितना बड़ा टारगेट उतना बड़ा इनाम
यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग अब एक डिजिटल युद्ध बन चुकी है। यहां फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों को हर रूसी टैंक या सैनिकों को मारने पर वीडियो गेम की तरह पॉइंट्स मिलते हैं। जितना बड़ा रूसी टारगेट, उतने ज्यादा पॉइंट्स मिलते हैं। इन पॉइंट्स को जवान ‘वॉर मार्केटप्लेस’ पर रिडीम कर सकते हैं और उसके बदले में नए हथियार, ड्रोन या जरूरी उपकरण मिलते हैं। इस रणनीति को यूक्रेनी मंत्री मिखाइलो फेडोरोव ने आर्मी ऑफ ड्रोन प्रोग्राम के तहत लागू किया है। अब इसे अमेजन फॉर मिलिट्री के रूप में विस्तार दिया जा रहा है। जंग के लिए अमेजन जैसा मार्केट प्लेस यूक्रेनी सेना की इस नई पहल का नाम ब्रेव 1 मार्केट है। यह अमेजन जैसा ऑनलाइन स्टोर है। यह यूनिट्स को उनकी पॉइंट्स के आधार पर सैन्य सामग्री खरीदने की सुविधा देता है। इस व्यवस्था से सैनिकों की जंग लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इससे कमांडरों को जंग का लाइव डेटा भी मिल रहा है। इससे यह एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हुआ है। जो जंग को और भी तेज व स्मार्ट बना रहा है। इससे नौकरशाही की लेटलतीफी से मुक्ति मिलती है और यूनिट्स को तेजी से हथियार मिल पाते हैं। सेना में कैसे लागू हुई नई नीति? अगस्त 2024 में यूक्रेनी सेना में नई नीति लागू हुई। इसमें हर अटैक को रिकॉर्ड किया जाता है। जिस सैनिक ने जितनी अधिक रूसी संपत्ति नष्ट की, उसे उतने अधिक पॉइंट्स मिलते हैं। उदाहरण के लिए, एक टैंक को उड़ाने पर 15 पॉइंट्स, एक रूसी ड्रोन ऑपरेटर को मारने पर 12 पॉइंट्स। ड्रोन फीड के जरिए हर दावे को वेरिफाई किया जाता है। यूक्रेन की 414वीं मरीन UAV यूनिट बर्ड्स ऑफ मेग्यर इस पूरे मॉडल की सबसे सफल यूनिट है। इसके कमांडर रॉबर्ट ब्रोवदी उर्फ मैग्यर की लीडरशिप में यह यूनिट अकेले 8% रूसी टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को उड़ाने का दावा करती है। जेलेंस्की से मिले पोप लियो; रूस से वार्ता की पेशकश पोप लियो ने बुधवार को इटली के कैस्टेल गैंडोल्फो में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए न्यायपूर्ण शांति पर जोर दिया। पोप ने वार्ता को शांति का प्राथमिक साधन बताया। उन्होंने रूस-यूक्रेन को वेटिकन में वार्ता के लिए आमंत्रित किया। इधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन को 10 पैट्रियट मिसाइलें भेजने का ऐलान किया है। साथ ही अमेरिका द्वारा रोके गए हथियारों की आपूर्ति भी शुरू करने को वादा किया है। 3 साल से जारी है रूस-यूक्रेन जंग रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल कल पूरे हो रहे हैं। इस जंग में अब तक दोनों देशों के 2 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं। करीब 8 लाख सैनिक घायल हुए हैं। यूक्रेन के 1 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। इनमें 20 लाख बच्चे हैं, जो इस युद्ध की त्रासदी से जूझे। यह सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद यूरोप में सबसे बड़ी तबाही है। जानिए क्यों शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग फरवरी 2022- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले का ऐलान करते ही यूक्रेन में रूसी टैंक धड़धड़ाते हुए घुसने लगे। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- पुतिन से बातचीत का कोई प्लान नहीं है। उन्होंने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है। रूस को यूक्रेन पर हमले की गंभीर कीमत चुकानी होगी। फरवरी 2025- अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुतिन से फोन पर 90 मिनट तक बात की। इसके बाद सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिकी के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें यूक्रेन को नहीं रखा गया। ट्रम्प ने पुतिन की तारीफ की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कह दिया। मई 2025- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति बातचीत 2025 में तेज हुई, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहल के बाद। हाल के दिनों में कैदी अदला-बदली हुई है, लेकिन क्षेत्रीय नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी पर मतभेद बने हुए हैं। ——————————- यूक्रेन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें….. यूक्रेन को हथियार सप्लाई रोके जाने से ट्रम्प नाराज:पेंटागन ने राष्ट्रपति को इसकी जानकारी नहीं दी थी; सप्लाई दोबारा शुरू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाने नाराजगी जताई है। रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने ट्रम्प को बताए बिना सप्लाई पर रोक लगा दी थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…