चेकमेट की शूटिंग के दौरान बहुत दर्द में थी:नायरा एम. बनर्जी ने कहा- मुझे इंजेक्शन लग रहे थे, पूरा शरीर सूजा हुआ था
इन दिनों नायरा एम. बनर्जी अपनी प्रोफेशनल लाइफ में हंगामा पर हालिया स्ट्रीम हुए क्राइम थ्रिलर शो ‘चेकमेट’ और ‘बिग बॉस-18’ को चर्चा में हैं, वहीं दूसरी तरफ रियल लाइफ की खबर यह है कि उन्होंने यग फ्रीजिंग करवाया है। उन्होंने अपनी पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ पर खुलकर बात की। पेश है बातचीत का प्रमुख अंश- मधुरिमा से नायरा बनर्जी नाम कैसे पड़ा? मेरा नाम मधुरिमा नहीं हैं, यह बोल-बोलकर थक गई हूं। देखिए, मधुरिमा मेरा साउथ स्क्रीन नेम था। साउथ में मेरा एक्चुअल डेब्यू संस्कृत फिल्म ‘आदि शंकराचार्य’-फेम लेखक-निर्देशक जी.वी.अय्यर के साथ धारावाहिक ‘कादंबरी’ शो से हुआ था। उन्होंने ‘कादंबरी’ शो में मुझे किरदार का नाम मधुरिमा यह बोलकर दिया था कि बड़ा स्वीटनेस-सा नेम है। उनकी वजह से यह स्क्रीन नेम यूज किया था। उस समय कॉलेज में थी। फिलहाल, मैंने इसे साइट वालों से बोलकर करेक्ट भी करवाया था, पर किया नहीं। तेलुगु में जूनियर एनटीआर के साथ ‘टेम्पर’ मेरी आखिरी फिल्म थी। उसके बाद तेलुगु में कोई फिल्म किया नहीं। मैंने ड्राप भी इसलिए किया, क्योंकि मधुरिमा तुली नाम के नाम पर मेरा आर्टिकल और मेरे आर्टिकल पर उनका फोटोज छप जाता था। खैर, मेरा एक ही नाम है और वह है, नायरा एम. बनर्जी। ‘चेकमेट’ में निभाए किरदार नीलम के बारे में बताइए? ‘चेकमेट’ बहुत ही अलग किस्म का शो है, जहां पर एक लेडी की इमोशनल मेंटल जर्नी दिखाई देती है। हर इंसान अपनी लाइफ में पास्ट को भुलाकर नया फेस शुरू करना चाहता है। मेरे किरदार का नाम नीलम है। नीलम बहुत ही ब्रुटल रही है। उसका पास्ट बहुत ही डरावना और डिफरेंट रहा है, जिसकी वजह से उसने कोशिश की कि अपनी लाइफ को पूरी तरह से सुधारे और चेंज करे। वह अपने पति के खाने-पीने और फैमिली का खयाल रखती है। एक प्रॉपर हिंदुस्तानी औरत के उसमें सारे गुण हैं, लेकिन एक मोड़ ऐसा आता है कि जिसे भुलाना चाहती है, वही उसके सामने आती है। नीलम के किरदार को जीवंत करना किस तरह से चुनौतीपूर्ण रहा? मुझे पहले से पता है कि जितना चैलेंज हो, उतना मेरे लिए अच्छा है। काम जितना चैलेंज होता है, उतना ही बेस्ट निकलकर आता है। मुझे पता था कि यह मेरे पास आ रहा है, तब मेरे अंदर से टिगर कर करके सारी चीजें बाहर निकालेगा। मैं हमेशा डिफिकल्ट चीजें ही चूज करती हूं, यह मेरी आदत में शुमार है। आप एक सीन में फूट-फूट कर रो रही हैं। वह रेफरेंस प्वाइंट कहां से लाईं? वह रेफरेंस प्वाइंट अपने पापा के डेथ से निकाला। बहुत फूट-फूट कर रोई थी। पापा के जाने पर ऐसा फील हुआ कि मेरी सारी दुनिया खत्म हो गई। यही बात ‘चेकमेट’ के सीन में भी है कि मेरा पति मुझे मारना चाहता है। मैं खुद को नहीं जानती। खैर, यह रेफरेंस अपनी रियल लाइफ से लिया था, क्योंकि उस समय लगा था कि अब क्या करूं, अब अकेली हूं। ‘चेकमेट’ की शूटिंग के दौरान का कोई रोचक वाक्या बताइए? ‘चेकमेट’ की शूटिंग के दौरान मैं बहुत दर्द में थी। मैं अपना यग फ्रीजिंग करवा रही थी। मुझे इंजेक्शन लग रहे थे। मेरा पूरा शरीर सूजा हुआ था। मेरे इमोशन बहुत ऊपर-नीचे हो रहे थे, क्योंकि हार्मोन चेंज हो रहा था। बॉडी में आइस पैड लगा-लगाकर सूजन कम करती थी। इतना दर्द होता था कि मैं उठ-बैठ नहीं पा रही थी। लेकिन उस हालत में भी रनिंग सीक्वेंस किया। इसमें प्रोडक्शन हाउस ने बड़ा साथ दिया। मेरे डॉक्टर को लेकर आते थे। समय-समय पर इंजेक्शन दिलवाते थे। मेरे चेकअप्स के लिए समय से छोड़ देते थे। उन्होंने बहुत अर्जेस्ट किया। मैं बहुत फिजिकल पेन में थी। इसके अलावा इमोशनल भी हुई हूं, क्योंकि मेरा हार्मोन पूरा ऊपर-नीचे जा चुका था। यग फ्रीज करवाने के पीछे का कोई खास मकसद है? क्योंकि मैंने अभी तक शादी नहीं किया है। मम्मी पीछे पड़ी है कि शादी कब करेगी। बच्चे कब बनाएगी। अभी करियर अच्छा चल रहा है। करियर से ही तो पैसे आते हैं। हमारा खाना-पीना वहीं से चल रहा है। शादी के लिए लाइफ में एक अच्छा इंसान चाहिए, जो आपको समझे। जब तक इंडिपेंडेंट हों, तब तक अपने आपको सिक्योर करना जरूरी है, आपके फाइनेंस, आपके अंडे, आपकी फैमिली। हर एक चीज में सिक्योरिटी करना जरूरी होता है, इसलिए मैंने यग फ्रीज करवाया। फिर शादी को लेकर क्या विचार है? शादी करनी है। शादी उसी से करनी है, जो एक अच्छा इंसान हो। अच्छा इंसान का मतलब जो एक-दूसरे को समझे। जो साथ में जीवन को चलाना चाहे, न कि तुमने शादी कर ली तो तुम यह देखो मैं यह देखूंगा। ऐसा नहीं। पति-पत्नी का इक्वल रिश्ता होता है। बच्चे की तरफ, खाने-पीने और घर चलाने में इक्वल हाथ होता है। तभी एक फीमेल और एक मेल एनर्जी साथ में आकर काफी कुछ कर सकती है। वैसे तो बिना शादी किए बच्चे कर सकती हूं, पर मुझे पति चाहिए, बच्चे चाहिए, सब कुछ नॉर्मली चाहिए। ‘बिग बॉस’ में यूनिक लोग जाते हैं। आप खुद में क्या यूनिक बात पाती हैं? मैं खुद को एक भेड़िया कहती हूं, क्योंकि लोगों के भीतर तक झांक सकती हूं। मैं कोई बात तब बोलती हूं, जब बहुत सारे एफिडेंसेस होते हैं, बहुत सारी ऑब्जर्वेशन, एनालिसिस होती है। ‘बिग बॉस’ में दो सप्ताह लड़ी नहीं या फिर चीजों को लेकर लोगों पर बर्बली हमला नहीं किया, इसलिए बाहर आई। मेरे पास बोलने के लिए काफी सारी चीजें हैं, जिसका लोगों के पास कोई रिवर्स आंसर नहीं है। अनफॉर्च्युनिटली, मैं नॉमिनेट थी और एलिमिनेट हो गई। यह मेरी यूनीकनेस है, जहां पर लोगों को धीरे-धीरे पढ़ सकती हूं। वह चीज लोग देख नहीं पाए। मैं चीजों को बहुत इंटेलिजेंटली हैंडिल करती हूं। बहुत यूनिक ट्राई और अलग वे में करती हूं, क्योंकि मेरी जो सोच है, जिस तरह से लाइफ को जीती हूं, वह बाकी लोगों से काफी अलग है। आप बड़ी सकारात्मक सोच की हैं। इसका मंत्र युवाओं को भी बताइए, जिनके जीवन में थोड़ा ऊपर-नीचे होता है, तब डिप्रेस्ड हो जाते हैं! देखिए, हर इंसान अपनी जगह स्पेशल है। हर इंसान यूनिक है। भले ही वह एक ही पारलौकिक चेतना से आते हैं। लेकिन आपकी लाइफ जर्नी, आपका फेस, नेचर, बिहेवियर, अपब्रिंगिंग, आपके पेरेंट्स हर चीज अलग हैं। फिर आप एक-दूसरे से क्यों कंप्लीट कर रहे हो। आपको कंप्लीट खुद से करना है कि आप कैसे और बेहतर कर सकते हो। आपको रिजेक्शन मिल रहा है, तब शायद आप रेडी नहीं होंगे। आप अपने गेम को और हाई करते रहो न! रोजाना नई चीजें सीखो। इससे आप में एक कांफिडेंस आएगा, जोश आएगा, एक चमक आएगी। वही स्टार वाली चमक आप में दिखने लगेगी और लोग आपको अप्रोच करेंगे। यह टाइम-टाइम की बात होती है। चलते-चलते अपकमिंग प्रोजेक्ट में बताइए कि कौन-से आने वाले हैं? एक बहुत पॉपुलर सीरीज का सीजन-2 आ रहा है। इसमें फेमस एक्टर की वाइफ का रोल प्ले कर रही हूं।