चलती एंबुलेंस में नाबालिग लड़की से दरिंदों ने किया बलात्कार, सड़क पर नहीं हुआ किसी को शक
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में चलती एंबुलेंस में 16 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया, पुलिस ने गुरुवार (28 नवंबर) को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘108’ आपातकालीन सेवा के तहत संचालित एंबुलेंस में यह चौंकाने वाली घटना 22 नवंबर को हुई और मामले के चार आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें ड्राइवर भी शामिल है।
इसे भी पढ़ें: निचली अदालत न ले कोई एक्शन, लिफाफे में सीलबंद रखा जाए सर्वे रिपोर्ट, संभल केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
उप महानिरीक्षक (रीवा रेंज) साकेत पांडे ने बताया कि लड़की अपनी बहन और बहनोई के साथ एंबुलेंस में यात्रा कर रही थी (उनमें से कोई भी मरीज नहीं था)। उन्होंने बताया कि तीनों के अलावा, दो और व्यक्ति, ड्राइवर और उसका सहयोगी, मरीज परिवहन वाहन के अंदर थे।
पांडे ने मीडिया को बताया कि नाबालिग अपनी बहन और बहनोई के साथ, जिन पर बाद में अपराध में सहायता करने का आरोप लगाया गया, वे एंबुलेंस में अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए, जिसका ड्राइवर उन्हें जानता था।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली से लिए जा रहे महाराष्ट्र के फैसले, संजय राउत का NDA पर वार, BJP ने किया पलटवार
रास्ते में, लड़की की बहन और उसका बहनोई पानी लाने के बहाने वाहन से उतर गए। अधिकारी ने बताया कि एंबुलेंस चालक ने दंपति का इंतजार करने के बजाय गाड़ी को तेजी से भगा दिया। उन्होंने बताया कि बाद में चालक के साथ यात्रा कर रहे उसके सहयोगी राजेश केवट ने 22 नवंबर (शुक्रवार) को सुनसान गांव में चलती एंबुलेंस में उसके साथ बलात्कार किया। डीआईजी ने बताया कि पूरी रात लड़की को बंधक बनाए रखने के बाद दोनों आरोपियों ने अगली सुबह उसे सड़क किनारे फेंक दिया। पांडे ने बताया कि 25 नवंबर को पीड़िता और उसकी मां ने आखिरकार पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने उनकी शिकायत पर कथित बलात्कारी (केवट) सहित चार लोगों (25 से 30 वर्ष की आयु) के खिलाफ मामला दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि दो आरोपियों, एंबुलेंस चालक वीरेंद्र चतुर्वेदी और उसके सहयोगी केवट को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। आईपीएस अधिकारी ने बताया कि लड़की की बहन और बहनोई को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गई है, जिन पर अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। सभी आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।