ग्रेजुएट भी दे सकेंगे UGC NET का एग्जाम:3 कैटेगरी में पास होंगे कैंडिडेट; ग्रेजुएट कैंडिडेट से बढ़ेगा कॉम्पिटीशन, जारी हुआ एग्जाम शेड्यूल
UGC NET के दिसंबर के एग्जाम की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार के NET एग्जाम में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यह पहली बार है जब ग्रेजुएट NET का एग्जाम देंगे। एग्जाम पास करने के बाद वह पीएचडी और फेलोशिप के लिए एलिजिबल हो सकेंगे। अब देश भर में पीएचडी की एलिजिबिलिटी के लिए भी NET के स्कोर को मान्य कर दिया गया है। इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। इसलिए इस बार NET पास करने वाले कैंडिडेट तीन कैटेगरी में एलिजिबल होंगे। ग्रेजुएशन वाले भी दे सकेंगे UGC NET NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के लिए साल में दो बार NET यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करवाता है। UGC NET पास करने वाले कैंडिडेट्स देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने या/और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) पाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। जून 2024 में UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने बताया था कि इस साल से 4 साल का ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स भी UGC NET के लिए अप्लाई कर सकते हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर रजनीश त्रिपाठी कहते हैं कि देश की कुछ ही यूनिवर्सिटीज में अभी 4 साल के ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं। इन्हें इंटीग्रेटेड बैचलर कोर्स कहा जाता है। हालांकि अभी ज्यादातर स्टूडेंट्स 3 साल का ग्रेजुएशन प्रोग्राम लेते हैं। तीन कैटेगरी में एलिजिबल होंगे NET पास करने वाले कैंडिडेट इस साल से पहले तक UGC NET का एग्जाम क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट दो चीजों के लिए एलिजिबल होते थे- JRF और असिस्टेंट प्रोफेसर। उन्हें एक NET स्कोर मिलता था, इसके आधार पर कुछ यूनिवर्सिटीज पीएचडी के लिए इन कैंडिडेट्स को एलिजिबल मानती थीं। ज्यादातर यूनिवर्सिटीज पीएचडी में एडमिशन के लिए अलग से एंट्रेंस एग्जाम करवाती थीं। 28 मार्च 2024 को UGC ने अपने नोटिफिकेशन में भी कहा कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी करने के लिए कैंडिडेट्स को कई एंट्रेंस एग्जाम पास करने होते हैं। ऐसे में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पीएचडी के लिए एक नेशनल एंट्रेंस एग्जाम लागू करने का निर्णय लिया गया है। ग्रेजुएट्स को पीएचडी, JRF का मौका देने के क्या फायदे-नुकसान हैं? रिसर्च स्कॉलर रजनीश त्रिपाठी कहते हैं कि ग्रेजुएट्स को UGC NET के जरिए मौका देने से दो फायदे होंगे। 4 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स जॉइन करने वाले छात्रों को आखिरी साल में शोध से जुड़ा पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है, ऐसे में वह कोर्स में दाखिला लेकर सीधे JRF या पीएचडी के लिए टारगेट कर सकते हैं। उनका पोस्ट ग्रेजुएशन में लगने वाला समय बचेगा। साथ ही वह ग्रेजुएशन के साथ ही यह भी तय कर सकेंगे कि उन्हें किस सब्जेक्ट में पीएचडी के तहत रिसर्च करनी है। हालांकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी विभाग के प्रोफेसर अपूर्वानंद UGC के ग्रेजुएट्स को मौका देने के इस निर्णय से सहमत नहीं हैं। वह इसमें 2 समस्याएं बताते हैं- UGC NET के रिजल्ट में एलिजिबिलिटी की 3 कैटेगरीज के क्या फायदे-नुकसान हैं? रिसर्च स्कॉलर रजनीश त्रिपाठी बताते हैं कि पुरानी व्यवस्था के तहत कई योग्य स्टूडेंट्स को पीएचडी करने का मौका नहीं मिलता था। अक्सर वही कैंडिडेट्स पीएचडी प्रोग्राम में सिलेक्ट किए जाते थे, जिन्हें रिसर्च फेलोशिप मिली होती थी। कुछ यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को अलग से एंट्रेंस एग्जाम देना होता था। यह प्रक्रिया एक हद तक पारदर्शी भी नहीं थी। यूनिवर्सिटीज की अपनी स्वायत्तता थी। ऐसे में लंबे समय से मांग की जा रही थी कि पीएचडी में एडमिशन के लिए नेशनल लेवल पर एक टेस्ट करवाया जाए। अब सभी यूनिवर्सिटीज में NET के स्कोर को मान्यता मिलने से लेवल-प्लेइंग फील्ड मिलेगी। कैंडिडेट्स को अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के एग्जाम नहीं देने होंगे। इससे समय की बचत होगी। साथ ही योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा। वहीं प्रोफेसर अपूर्वानंद NET के स्कोर के तहत पीएचडी में एडमिशन दिए जाने के निर्णय के खिलाफ हैं। वह 4 मुख्य बातें कहते हैं- ***Slide-3 NTA ने जारी किया UGC NET का शेड्यूल एग्जाम का सेंटर और एडमिट कार्ड रिलीज डेट आगे घोषित की जाएगी। *** एग्जाम से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… JEE मेंस की लास्ट डेट में कोई बदलाव नहीं: NTA ने जारी किया नोटिफिकेशन; करेक्शन और एग्जाम सेंटर से जुड़े सभी सवालों के जवाब NTA ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट JEE मेंस 2025 जनवरी सेशन-1 की लास्ट डेट को लेकर नोटिस जारी किया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने यह बात साफ कर दी है कि अप्लाई करने की लास्ट डेट को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। पूरी खबर पढ़िए…