गुप्तांगों से खून बह रहा था, महिला के शरीर पर नहीं थे कपड़े… राजघाट से पैदल सराय कालेखां पहुंची सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई लड़की
साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद से देश की राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई बड़े कदम उठाए गये लेकिन केवल कागजों पर। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में किसी तरह की कोई कमी नहीं आयी है और इससे ज्यादा बुरी वारदातें सरेआम घटी हैं। एक बार फिर से दिल्ली में राक्षसों में हैवानियत की सारी हदों को पार किया है। 6 नवंबर को नई दिल्ली का आईटीओ इलाका एक महिला की चीखों से गूंजा होगा लेकिन उस चीख को दबा दिया गया।
तीन अपराधियों ने लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया
नई दिल्ली के आईटीओ इलाके में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आई है। गौरतलब है कि निर्भया जैसी घटना को दिल्ली पुलिस ने दबाने की कोशिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस भयावह घटना के बाद अस्पताल में भर्ती लड़की मौत को मात देकर सदमे से उबरने की कोशिश कर रही है। यह घटना दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय से चंद मीटर की दूरी पर हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, आईटीओ के पास तीन अपराधियों ने लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद ऑटो चालक उसे राजघाट के पास गांधी स्मृति सर्विस रोड पर ले गया और ऑटो में उसके साथ दुष्कर्म किया।
दुष्कर्म के बाद लड़की मानसिक रूप से परेशान है
बताया जा रहा है कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद लड़की मानसिक रूप से परेशान है। पुलिस के मुताबिक, ओडिशा की रहने वाली लड़की (34) अर्धनग्न अवस्था में राजघाट से पैदल सराय कालेखां पहुंची और उसके गुप्तांगों से खून बह रहा था। यह घटना 11 अक्टूबर की रात करीब साढ़े नौ बजे हुई। लड़की को सराय कालेखां में देखकर नौसेना के एक अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी। फोन करने वाले ने सराय काले खां इलाके में लड़की के होने की सूचना दी। लड़की लाल कुर्ता पहने हुए थी, खून बह रहा था और फोन करने वाले ने चिंता व्यक्त की कि लड़की को चोट लगी होगी या उसके साथ गलत तरीके से मारपीट की गई होगी।
लड़की का एम्स में ऑपरेशन किया गया
लड़की का एम्स में ऑपरेशन किया गया और वह फिलहाल एम्स के मनोरोग विभाग में भर्ती है। करीब 21 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने तीन आरोपियों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी प्रमोद और शमशुल को गिरफ्तार किया है, इसकी पुष्टि दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने की है।
एसीपी ऐश्वर्या सिंह ने अपराधी को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की। महिला कांस्टेबल संगीता ने भी आरोपी को पकड़ने के लिए खुद को समाजसेवी बताकर पीड़िता से मुलाकात की। 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई और 150 से अधिक ऑटो-रिक्शा की जांच की गई। आरोपियों को पकड़ने के लिए कम से कम 10 पुलिस टीमों का गठन किया गया। इसके बाद पुलिस ने गांधी स्मारक सर्विस रोड से पीड़िता की खून से सनी सलवार बरामद की है। जांच अभी भी जारी है।