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खराब फसल को ट्रैक करेगा रोबोट:रोबो डॉग ‘रॉकी’ आग लगने पर अलर्ट मैसेज भेजेगा, इंडिया मोबाइल कांग्रेस के टॉप 10 इनोवेशन

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इंडिया मोबाइल कांग्रेस के आठवें एडिशन में बच्चों की सेफ्टी के लिए ट्रैकिंग डिवाइस से लेकर खराब फसल को ट्रैक करने में सक्षम रोबोट जैसे कई टेक इनोवेशन पेश किए गए। दिल्ली में हुए इस टेक इवेंट में दुनियाभर के 120 से ज्यादा देश शामिल हुए। 400 से ज्यादा एग्जिबिटर और लगभग 900 स्टार्टअप ने इसमें भाग लिया और अपने इनोवेशन दिखाए। 1. रोबो डॉग ‘रॉकी’: आग लगने पर अलर्ट मैसेज भेजेगा ग्लोबल टेक कंपनी एरिक्सन ने 5G रोबोटिक डॉग ‘रॉकी’ पेश किया। जर्मन शेफर्ड डॉग से प्रेरित रोबोटिक डॉग कमांड को समझने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और पावरफुल सेंसर्स का इस्तेमाल करता है। इसे स्मार्टफोन के जरिए कनेक्ट करके भी चलाया जा सकता है। इसे आपातकालीन परिस्थितियों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह रोबो डॉग आग लगने, खदानों में गैस रिसाव और पानी भरने जैसी इमरजेंसी स्थिति को डिटेक्ट कर सकता है और समय पर फोटो और वीडियो भेजकर अलर्ट कर सकता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल पेट्रोलिंग के लिए भी किया जा सकता है। पेट्रोलिंग के दौरान इसका कैमरा और सेंसर लगातार फोटो और वीडियो क्लाउड को भेजते रहते हैं। 2. VI सुरक्षा : बच्चों की सेफ्टी के लिए ट्रैकिंग डिवाइस वोडाफोन इंडिया ने IMC2024 में तीन ट्रैकिंग डिवाइस पेश किए। इनमें बच्चों के लिए GPS वॉच, पेट्स और साइकिल के लिए अलग-अलग तरह के टैग शामिल हैं। कंपनी इन्हें VI सुरक्षा (VI Suraksha) कह रही है। कंपनी ने अभी इनके प्राइस रिवील नहीं किए हैं। पेट्स और साइकिल के लिए पेश किए गए डिवाइस की कीमत 2,000 रुपए हो सकती है और बच्चों की GPS वॉच की कीमत 2,500 रुपए रखी जा सकती है। जल्द ही ये डिवाइस कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर बिक्री के लिए अवेलेबल हो जाएंगे। GPS वॉच में एक सिम भी लगती है, जिसे एक्टिवेट करते ही पूरे भारत में लाइव ट्रैक किया जा सकता है। इसके अलावा, वॉच में 24 से 48 घंटे की लोकेशन सेव रहती हैं, जिसे बाद में ट्रैक किया जा सकता है। ये रिकॉर्ड ऐप और वेबसाइट दोनों पर अवेलेबल रहेगा। तीनों डिवाइस को इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ एक ऐप डाउनलोड करना होगा, जिसमें आप एक बाउंड्री सेट कर सकते हैं। इससे जैसे ही ये डिवाइस बाउंड्री के बाहर जाएगा तो आपको एक अलर्ट मैसेज मिल जाएगा। ऐप के जरिए आप एक बार में कम से कम 5 डिवाइस ट्रैक कर सकते हैं। 3. शतायु हेल्थ केयर कियोस्क: 200 से ज्यादा जांच फ्री में कराएं यह एक तरह का हेल्थ केयर कियोस्क है। कंपनी ने इसे ‘फ्यूचरस्टिक हेल्थ केयर डिलीवरी ईको-सिस्टम’ नाम दिया है। इसका उद्देश्य हेल्थकेयर की मदद से दूरदराज इलाकों में बैठे लोगों को वर्ल्ड क्लास इलाज देना है। इसे ICMR के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड बायो डिजाइन ने डेवलप किया है। इस सिस्टम का इस्तेमाल शुरुआत में सरकारी प्राथमिक हेल्थ केयर सेंटर्स पर किया जा रहा है। इससे प्राथमिक इलाज के लिए बड़े-बड़े अस्पताल और उनमें इंस्टॉल बड़ी-बड़ी मेडिकल मशीनों की जरूरत काफी हद तक कम हो सकती है। बीमारियों का जल्दी से पता लगाने और समय पर उपचार करने में मदद मिलेगी। इसकी सर्विस जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और पंजाब में कई जगह शुरू की गई है। 4. TIH एआई रोबोट : खराब फसल को ट्रैक करने में सक्षम टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIH) ने किसानों की मदद के लिए एक AI रोबोट का प्रोटोटाइप मॉडल पेश किया। इसे खेती में होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से डेवलप किया गया है। ये ऑटोनोमस रोबोट है, जो खेत में जाकर खराब पोधों की लोकेशन भेजने का काम करता है। इससे किसान को खराब हो रहे पोधों पर दवा स्प्रे कर बचाने में मदद मिलेगी। रोबोट में 10,000mAh की बैटरी लगी है। इसे 1.10 घंटे में फुल चार्ज किया जा सकता है। कंपनी का कहना है कि रोबोट एक बार चार्ज करने पर ढाई से तीन घंटे तक तक खेत में काम कर सकता है। प्रोटोटाइप मॉडल की कीमत 5 लाख रुपए है, लेकिन फील्ड में इस्तेमाल करने की कीमत करीब 25 लाख रुपए है। कंपनी की ओर से बताया गया कि ये रोबोट का पहला मॉडल है, जो सिर्फ इन्सपेक्शन और डेटा कलेक्ट करेगा। कंपनी स्प्रे करने वाले रोबोट्स भी डेवलप कर रही है, जो इन्सपेक्शन के साथ रियल टाइम में खराब फसल की पहचान कर उस पर खुद से स्प्रे कर सकेंगे। इन्हें अगले फेज में पेश किया जाएगा। 5. जियो इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट : बिलिंग की लाइन से मिलेगा छुटकारा IMC2024 में जियो ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस एक ‘इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट’ को दिखाया है। जियो की यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शॉपिंग मॉल में बिलिंग की लाइन को खत्म करने में मदद करेगी। इसके इस्तेमाल से कार्ट खुद ही खरीदारी का बिल बना देगी। इसे इस्तेमाल करना काफी आसान होगा। ‘इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट’ डायरेक्‍ट स्‍टोर के बिलिंग डेस्क से जुड़ा होता है। जब कस्‍टमर सामान कार्ट में डालेगा, तो इस पर लगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरे और स्कैनर उस प्रोडक्‍ट को बिलिंग डेस्क पर भेज देंगे। वहां प्रोडक्‍ट की कीमत सीधे बिल में जोड़ दी जाएगी। अगर कोई प्रोडक्‍ट गलती से शॉपिंग कार्ट में चला गया या कस्‍टमर किसी प्रोडक्‍ट को नहीं खरीदना चाहता, तो उसे कार्ट से निकालते ही उस प्रोडक्ट की कीमत, बिल से घट जाएगी। आखिर में बिलिंग डेस्क, कस्‍टमर के कार्ट यानी ट्रॉली का क्यूआर कोड स्कैन करेगा और फाइनल बिल तैयार हो जाएगा। ‘इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट’ का इस्‍तेमाल रिलायंस रिटेल अभी प्रोजेक्‍ट के रूप में कर रही है। इसे हैदराबाद और मुंबई के कुछ सिलेक्‍टेड स्टोर्स में यूज किया जा रहा है। जल्‍द इसे देश के बाकी स्‍टोर्स में भी लाया जा सकता है। 6. FRS टॉर्च कैमरा : अपराधियों की पहचान करने में सक्षम यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस एक FRS टॉर्च है। FRS यानी फेस रिकॉगनाइजेशन सिस्टम है, जिसमें एक हाईटेक कैमरा लगा है। इस टार्च का उपयोग अपराधियों की पहचान करने और गुमशुदा लोगों को ढूंढने में किया जा सकता है। इसे भारतीय स्टार्टअप ‘स्पर्श CCTV’ ने बनाया है। इसमें लगा कैमरा एक बार में 3000 चेहरे कैप्चर कर सकता है। खास बात ये है कि अगर अपराधी मास्क, चश्मे, कपड़े और पगड़ी से अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करे तो भी ये कैमरा उसकी पहचान कर सकता है। यह टॉर्च 5G कनेक्टिविटी के साथ आती है और इसे क्लाउड के जरिए सीधे सर्वर रूम से कनेक्ट किया जा सकता है। यह फोटो कैप्चर करते ही वाइब्रेट करने लगता है और फोटो सर्वर रूम भेज देता है। इसमें लीथियम आयन बैटरी लगी है। इसे एक बार चार्ज करने पर 8 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है। यह 128GB से 512GB तक का मेमोरी कार्ड सपोर्ट करता है। इसमें 10 हजार तक फोटो और क्रिमिनल का डेटा स्टोर किए जा सकता है। इससे यह टॉर्च सस्पेक्टेड व्यक्ति और गुमशुदा व्यक्ति की पहचान कर सकता है। कंपनी का कहना है कि इसका इस्तेमाल बाढ़, भूकंप, दुर्घटना और भीड़भाड़ वाली रैलियों में भी कारगर साबित होगा। जल्द ही इसे भारत में लॉन्च किया जाएगा। इसे शुरुआत में सरकारी एजेंसियां उपयोग कर पाएंगी। इस टॉर्च को दिल्ली पुलिस की ओर से 16 अपराधियों को पकड़कर परखा भी जा चुका है। 7. सेंस प्रो-एम (ट्रेवल ईसिम): देश से बाहर बिना सिम बदले घर पर बात करें भारत में मशीन-टू-मशीन सर्विस प्रोवाइडर सेंसोराइज ने कस्टमर्स के लिए रिमोट सिम प्रोविजनिंग (RSP) प्लेटफॉर्म पेश किया। इसका नाम सेंस प्रो-एम (SenseProM) है। इसकी मदद से यूजर्स बिना फिजिकल SIM कार्ड बदले eSIM प्रोफाइल को मैनेज कर सकते हैं। सेंस प्रो-एम प्लेटफॉर्म को GSMA के SGP.22 आर्किटेक्चर पर बनाया गया है, जो SM-DP+ (यानी सब्सक्रिप्शन मैनेजर डेटा प्रिपरेशन+) कंपोनेंट्स के साथ एक सुरक्षित सिस्टम प्रोवाइड करता है। इससे यूजर्स आसानी से मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर डाउनलोड, एक्टिवेट और स्विच कर सकते हैं। इससे उन्हें अपनी कनेक्टिविटी पर पूरा कंट्रोल मिलता है। VoyX कंज्यूमर ट्रेवल ईसिम
इसके साथ ही वॉय एक्स (VoyX) ग्लोबल ट्रेवल ईसिम सोल्यूशंस भी लॉन्च किया गया। यह कनेक्टिविटी सर्विस प्रोवाइडर ‘सेंस प्रो-एम प्लेटफॉर्म’ इस्तेमाल करने वाली पहली कंपनी है। VoyX 140 से ज्यादा देशों में कनेक्टिविटी प्रोवाइड कराती है और इसे बार-बार ट्रेवल करने वाले छात्रों और प्रोफेशनल के लिए डिजाइन किया गया है। यह फिजिकल SIM कार्ड की जरूरत को खत्म करता है और लोकल, रीजनल और ग्लोबल डेटा पैक की फ्लेक्सिबल सुविधा देता है। कंपनी ने फिलहाल इसके प्लान की डिटेल्स शेयर नहीं की है। चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विजय कामथ ने बताया कि इसके प्लान करीब 500 रुपए से शुरू हो सकते हैं, जिनमें कम से कम 0.5 GB डेटा मिलेगा। SM-DP+ कंपोनेंट के स्पेसिफिकेशंस 8. बातचीत ऐप : लाइव ट्रांस्लेशन कॉलिंग ऐप डिजिटल इंडिया भाषिनी बूथ पर भाषिनी के ‘बातचीत ऐप’ को पेश किया गया। इसे किफर एआई (KifferAI) स्टार्टअप ने डेवलप किया है। इस एप्लिकेशन की मदद से आप अपनी कॉल को 14 भारतीय और 40 फॉरेंन लेंग्वेज को लाइव ट्रांसलेट कर सकते हैं। यह वाइस और टेक्स्ट कॉल दोनों को ट्रांसलेट कर सकता है। यह ऐप सिर्फ एंड्रॉएड यूजर्स के लिए प्ले स्टोर पर अवेलेबल है। इससे ऐप-टू-ऐप और ऐप-टू-वॉइस कॉल की जा सकती है। ऐप-टू-ऐप बातचीत करने पर फिलहाल कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है, लेकिन आप ऐप के साथ किसी के साथ वाइस कॉल पर बात करेंगे तो 3 रुपए प्रति मिनट चार्ज देना होगा। 9. रेडमी A4 : स्नैपड्रेगन 4s जेन 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला स्मार्टफोन शाओमी ने इवेंट में रेडमी A4 5G स्मार्टफोन पेश किया। खास बात ये है कि यह स्नैपड्रेगन 4s जेन 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला स्मार्टफोन है। यह प्रोसेसर 4 जनरेशन 2 की तरह ही 4nm प्रोसेसिंग नोड का इस्तेमाल करता है, इसकी तुलना में यह 90fps FHD+ डिस्प्ले तक का सपोर्ट देता है। इसमें डुअल 12-बिट ISP कैमरा का सपोर्ट मिलता है और 5G कनेक्टिविटी के लिए यह एक पावरफुल मॉडम है। कंपनी ने बताया कि रेडमी A4 5G स्मार्टफोन को जल्द ही 10,000 रुपए से भी कम शुरुआती कीमत में लॉन्च किया जाएगा। उम्मीद है इसका टॉप मॉडल 12,000 रुपए में आ सकता है। स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशन्स नहीं बताए गए हैं। उम्मीद है स्मार्टफोन 50MP प्राइमरी कैमरा, 8GB तक रैम और 128GB तक इंटरनल स्टोरेज, फुल HD+ टच स्क्रीन, फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 5000mAh बैटरी और 3.5mm ऑडियो जैक से लैस होगा। इसके अलावा, मोबाइल में डुअल सिम 5G, 4G, वाईफाई, ब्लूटूथ, साइड फिंगरप्रिंट सेंसर मिल सकता है। ऑपरेटिंग सिस्टम की बात करें तो मोबाइल में एंड्राइड 14 OS मिल सकता है। 10. जियो V3 और V4 फीचर फोन्स जियो ने दो फीचर फोन V3 और V4 को भारत में लॉन्च किया है। दोनों 4G फोन की कीमत 1099 रुपए है। इनमें 123 रुपए के रिचार्ज में एक महीने तक अनलिमिटेड कॉल और 14GB डेटा मिलेगा। ये फोन्स दो महीनों में बिक्री के लिए अमेजन और जियो मार्ट पर अवेलेबल होंगे। इनमें यूजर्स जियो सिनेमा, जियो टीवी और जियो प्ले के अलावा 455 से ज्यादा चैनल देख पाएंगे। इसके अलावा फोन में जियो पे की भी सुविधा दी गई है, जिससे यूजर UPI पेमेंट भी कर सकेंगे। फोन में जियो चैट का फीचर भी दिया गया है। इसकी मदद से आप अपनों से चैट कर सकेंगे। पावर बैकअप के लिए इनमें 1000mAh की बैटरी लगी है। साथ ही फोन में 128GB का स्टोरेज भी है। V3 और V4 फोन में यूजर्स को 23 लैंग्वेज सपोर्ट की सुविधा मिलेगी।

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