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कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी मलिक की आत्मकथा जल्द:बोलीं-इस बुक में अपना दिल खोला; यौन शोषण केस आंदोलन का प्रमुख चेहरा, कुश्ती छोड़ चुकीं

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हरियाणा की रेसलर साक्षी मलिक की ऑटो-बायोग्राफी ‘विटनेस’ इस साल के आखिर में पब्लिश होगी। साक्षी मलिक ने खुद इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर दी है। उन्होंने लिखा, ‘कुछ खबरें साझा करते हुए बहुत उत्साहित हूं। मेरी ऑटो-बायोग्राफी इस साल के अंत में प्रकाशित होने जा रही है। मैंने इस बुक में अपना दिल खोल दिया है। जितना संभव हो सके उतना ईमानदार हूं।’ साक्षी मलिक वही महिला पहलवान हैं, जिन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था। 2022 में बायोपिक की इच्छा जाहिर की थी
साल 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के बाद साक्षी मलिक ने कहा था, “मैं चाहती हूं कि मुझ पर बायोपिक बने, ताकि लोगों को पता चले कि कैसे एक गांव की लड़की ने ओलिंपिक मेडल तक का सफर तय किया और अब आगे भी अच्छा कर रही है।” 3-4 साल की उम्र में पहुंची थी अखाड़ा
साक्षी रोहतक जिले के मोखरा गांव की रहने वाली हैं। उनका जन्म 3 सितंबर, 1992 को हुआ था। गांव में एक 60 साल पुराना शंकर अखाड़ा है, जिसकी शुरुआत मदिया पहलवान ने 1963 में किया था। 89 वर्षीय मदिया गांव में गुरु जी (कोच) के नाम से जाने जाते हैं। साक्षी जब करीब 3-4 साल की थीं, तो अन्य बच्चों के साथ शंकर अखाड़े में जाती थीं। वह शायद कुश्ती से उनका पहला जुड़ाव था। साक्षी ने 12 साल की उम्र में कुश्ती सीखने की शुरुआत की। हालांकि, उनकी मां अपनी बेटी को रेसलर नहीं बनाना चाहती थीं। मां ने कहा- लड़कियां बाउट करते वक्त छोटी छोटी कास्टयूम पहनती थीं। इसलिए रेसलिंग मुझे पसंद नहीं आई। मैंने साक्षी को बहुत समझाने की कोशिश की कि जो पहलवान लड़कियां होती हैं, उनकी शादी नहीं होती। 2023 में बृजभूषण के खिलाफ धरना शुरू किया था
पिछले साल 18 जनवरी 2023 को 30 पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया था। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे। उस दौरान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया था। बृजभूषण पर FIR दर्ज करने और कमेटी पर ही सवाल खड़े करते हुए 23 अप्रैल को फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर दिया। 30 मई को साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया अपने मेडल लेकर हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित करने पहुंचे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें रोक लिया। साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लिया
इसके बाद 21 दिसंबर 2023 को WFI के नए अध्यक्ष पद पर बृजभूषण के करीबी संजय की नियुक्ति हो गई। इस पर पहलवान फिर भड़क गए। साक्षी मलिक ने उसी दिन जूते टेबल पर रख कुश्ती से संन्यास ले लिया था। इसके बाद बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया था। वह इस अवॉर्ड को प्रधानमंत्री के घर के बाहर फुटपाथ पर रखकर आ गए थे। इसके कुछ दिन बाद रेसलर विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिया था।

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