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काजोल बोलीं- करवा चौथ मेरी फिल्म से फेमस हुआ:सिंघम सीरीज पर कहा- हमारा कोई कम्पेरिजन नहीं; कृति ने कोरोना का डरावना किस्सा बताया

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फिल्म ‘दो पत्ती’ में पुलिस का किरदार निभा रहीं एक्ट्रेस काजोल ‘सिंघम’ से तुलना पर कहती हैं- ‘सिंघम’ बनना आसान नहीं है। इसके लिए हार्ड वर्क की जरूरत है। मैं बहुत डाउन टू अर्थ हूं, बहुत हम्बल हूं। हां, अगर कोई मुझे बाइक की जगह जीप देगा तो जरूर ‘सिंघम’ बनने के बारे में सोच सकती हूं। मुझे बाइक राइड से बेहद डर लगता है। काजोल रविवार को अपने को-स्टार कृति सेनन और एक्टर शाहिर शेख के साथ जयपुर राज मंदिर (सिनेमा घर) आई थीं। यहां उन्होंने फिल्म के प्रमोशन के दौरान दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। काजोल ने बताया कि करवा चौथ का व्रत उनकी फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ से फेमस हुआ। कृति सेनन ने इस फिल्म से प्रोड्यूसर बनने की शुरुआत की है, जो नेटफ्लिक्स पर 25 अक्टूबर को रिलीज होगी। वे इसमें डबल रोल में हैं। कृति ने जयपुर से जुड़ी यादों को साझा किया। कहा- इससे पहले मिमी की शूट के दौरान राजस्थान के मंडावा (झुंझुनूं) में थी। उसी समय कोविड आया था। ऐसे में, मैं जिस होटल में रुकी थी वहां के इटालियन कपल को कोविड था। जैसे ही मुझे ये पता चला, रातभर सो नहीं पाई और बुखार आ गया। पढ़िए दैनिक भास्कर में ‘दो पत्ती’ की स्टारकास्ट से खास बातचीत… करवा चौथ ‘बोले चूड़ियां’ से ट्रेंड में आया
करवा चौथ के दिन फिल्म का प्रमोशन करने आई काजोल ने बताया- इस बार फिल्म के प्रमोशन के कारण व्रत तो नहीं रख पाई हूं, लेकिन जयपुर आने से पहले घर पर सासू मां के साथ पूजा की थाली तैयार करके, उसके हाथ लगाकर निकली हूं। काजोल ने बताया- करवा चौथ मेरी फिल्मों की वजह से ट्रेड में आ गया। ‘कभी खुशी कभी गम’ का गाना ‘बोले चूड़ियां’ ने तो देश का माहौल ही बदल दिया था। उन्होंने कहा- आजकल हैवी ज्वेलरी पहन कर भारी लहंगा पहन कर करवा चौथ मनाया जाने लगा है। अगर मुझे पता होता तो हम पायजामे में करवा चौथ मनाते। नॉर्मल सलवार-कमीज पहन कर इसे सेलिब्रेट करते। हम यह नहीं बोलते की तिजोरी की सारी ज्वेलरी निकाल कर पहन लो। हमारी फिल्म के बाद तो करवा चौथ को लेकर पूरे देश का नजरिया ही बदल गया। काजोल ने कहा- मेरी कोशिश यही रहती है कि अच्छी फिल्में करती रहूं। एक चाहत यह भी है कि मैं फुल फ्लैश कॉमेडी फिल्म करूं और यह मैं जरूर करूंगी। यह मेरा सपना है। यह मेरी विश लिस्ट में शामिल है। सिंगम से कोई कॉम्पिटिशन नहीं काजोल ने कहा- मुझे बहुत सारी फिल्में ऑफर हुई थी, जिसमें मुझे पुलिस अधिकारी का रोल ऑफर हुए थे। इसके लिए मैंने बहुत सारी स्क्रिप्ट पढ़ी थी, लेकिन मैंने कभी उन्हें एक्सेप्ट नहीं किया। स्क्रिप्ट चुनने में कई चीजों को ध्यान में रखना पड़ता है। आपको सही प्रोड्यूसर मिलना चाहिए, सही किरदार मिलना चाहिए। अगर, आप किरदार चुन रहे हो तो उसकी कहानी भी हर तरह से कनेक्ट करने वाली होनी चाहिए। एक कैरेक्टर पर पूरी फिल्म डिपेंड हो यह भी मैं नहीं चाहती हूं। ऐसे में ‘दो पत्ती’ फिल्म की कहानी में मुझे वह हर चीज देखने को मिली जो मैं चाह रही थी। काजोल ने कृति के साथ कैमेस्ट्री पर कहा- 9 साल बाद मैं कृति के साथ काम किया है। इससे पहले हम ‘दिलवाले’ में साथ में काम किया था और कृति को यहां काम करते हुए देखना बहुत सुकून वाला था। कई तरह के बदलाव इनमें नजर आए। इस बार हमने साथ में काफी काम किया है। ‘दिलवाले’ में उतना मौका साथ में नहीं मिला था। इसलिए इस बार काम करके काफी मजा आया। काजोल फिल्म में एक पुलिस अधिकारी का रोल निभा रहीं हैं। सिंघम से तुलना के सवाल पर मजाक में उन्होंने कहा- सच बताऊं तो कोई कॉम्पिटिशन नहीं है दोनों फिल्में बिल्कुल अलग हैं। हमारी फिल्म में मिस्ट्री, सस्पेंस थ्रिलर वाला फील है, हम बड़ी स्क्रीन पर रिलीज नहीं हो रहे हैं, ओटीटी पर रिलीज हो रहे हैं। सिंघम एक अलग तरह की फिल्म है। टू व्हीलर के साथ 36 का आंकड़ा
काजोल ने कहा- जब यह फिल्म मुझे मिली थी, तब मेरा पहला रिएक्शन डायरेक्टर को यह था कि इसे एक्सेप्ट करने में एक प्रॉब्लम है। मेरी समस्या है कि टू व्हीलर के साथ 36 का आंकड़ा है। मुझे बाइक राइड से बेहद डर लगता है। तो मैंने उन्हें यही कहा था कि बाइक के साथ मुझे कैसे शूट करेंगे? मैंने उन्हें ऑप्शन भी दिया कि बाइक को जीप बना देनी चाहिए या फोर व्हीलर कुछ भी बना दो। मैं ट्रक भी ड्राइव कर सकती हूं, लेकिन उन्होंने सभी आइडिया रिफ्यूज कर दिए। मेरे डायरेक्टर ने मुझे कहा कि यह नहीं हो सकता है आप ट्रक नहीं चला सकती, आप टेम्पो नहीं चला सकतीं। आपको बाइक ही चलानी पड़ेगी। मैंने उन्हें बहुत कन्वेंस किया, लेकिन बाइक के साथ ही मुझे शूट करना पड़ा। राजस्थान में फिल्म सिटी के सवाल पर काजोल ने कहा- पति अजय ने भी जयपुर में फिल्म सिटी के लिए ट्राई किया था यह सही है। सही मायने में राजस्थान और मुंबई का बहुत बड़ा तालमेल है। हम लोगों ने यहां पर काफी शूटिंग की है, मैंने भी बहुत शूटिंग की है अजय ने यहां पर काफी शूट किया है। राजस्थान फिल्म इंडस्ट्री से बिल्कुल भी डिस्कनेक्ट नहीं है, फिल्म सिटी की बात है तो ऐसा होना चाहिए। अगर हम इसे मैनेज कर सकते हैं, अच्छी तरह से तो यह जरूर बननी चाहिए। रोने-धोने वाले कहानियों से दूरी काजोल ने कहा- जब मैं 18 साल की थी तब मैंने एक फिल्म की थी ‘उधार की जिंदगी’, वह मेरी तीसरी फिल्म थी। वह फिल्म मैंने बहुत दिल से की थी और उस फिल्म में मुझे बहुत रोना पड़ा था। उसमें मैं भर-भर के रोई थी। उस फिल्म के बाद मैंने अपनी मां को बोल दिया था कि ‘आई एम टोटली बर्न आउट’ अब मैं कोई फिल्म नहीं करूंगी। मुझे अच्छे रोल वाले फिल्में नहीं करनी है मैं थक गई हूं। मुझे वह फिल्में करनी है, जिन हीरोइन की फिल्में तीन-चार गाने होते हैं, वह फिल्में मुझे करनी है, ताकि मुझे उन फिल्मों में ग्लिसरीन डालकर रोना नहीं पड़े। DDLJ आज फैमिली ट्रेडिशन बनी
काजोल ने कहा- डीडीएलजे को 29 साल पूरे हो चुके हैं। आज मैं उसके फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर राज बंसल जी से मिली थी। इस पर हमारी बात भी हुई। हम बात कर रहे थे कि इस फिल्म को लेकर गिनीज बुक में भी नहीं जा सकते, क्योंकि हर साल हमें अपडेट करना पड़ेगा। यह फिल्म एक नेशनल हिस्ट्री बनी और इंटरनेशनल हिस्ट्री का भी हिस्सा बनी। मैं बहुत सारे लोगों से मिलती हू, जब वह कहते हैं कि हमने यह फिल्म मराठा मंदिर में देखी थी और उसके बाद ही हमने शादी की थी। फिर अब हमारे बच्चे भी हमारे साथ मराठा मंदिर में डीडीएलजे देखने जाते हैं। यह एक तरह से फैमिली ट्रेडिशन का हिस्सा बन चुकी है। फिल्म में डबल रोल एक नए किस्म का
कृति सेनन ने कहा- डबल रोल कई फिल्मों में लोगों ने देखे हैं, सीता-गीता, चालबाज, तनु एंड मनु रिटर्न्स, ऐसी काफी फिल्में हैं। अधिकांश फिल्म मैंने देखी है कि डबल रोल वाले किरदार कुंभ के मेले में बिछड़ जाते हैं और अलग-अलग लाइफ जीते हैं और फिर कहीं जाकर मिल जाते हैं। हमारी फिल्म में हम दोनों बहने बिछड़ते नहीं हैं। ऐसे में दो किरदारों को एक साथ प्ले करना, जिनमें दोनों के इमोशंस अलग-अलग हैं। बहुत चैलेंजिंग रहा। टेक्निकली भी बहुत चैलेंजिंग रहता है। उसमें कई तरह के एंगल इस्तेमाल किए जाते हैं। जिस लड़की का किरदार मैंने निभाया है, उसके कुछ मिनट बाद ही दूसरे तरह की लड़की का किरदार निभाना था। ऐसे में थोड़ा सा भी इमोशन ऊपर नीचे नहीं होना चाहिए। बड़ा टफ हो जाता है डबल राेल वाले काम करना। कोविड के दौरान राजस्थान से जुड़ी याद
मिमी फिल्म से राजस्थान कनेक्शन के बारे में कृति ने कहा कि इस फिल्म के जरिए राजस्थान से बहुत अच्छी यादें हैं और आखिर में थोड़ी शॉकिंग याद भी शामिल हो गई थी। हमने यह फिल्म अधिकांश मंडावा में शूट की थी। बहुत अच्छा माहौल था। जब फिल्म का आखिरी शूट चल रहा था, इसी दौरान कोविड की शुरुआत भी हुई थी। कोविड की शुरुआत राजस्थान से ही हुई थी। कुछ इटालियन कपल और ग्रुप के केस जयपुर में ही सामने आए थे। शूट के सेकेंड लास्ट डे मुझे पता लगा कि मैं जिस होटल में रुकी थी, उसी होटल में ही वह इटालियन ग्रुप रुका हुआ था। तब तक कोविड के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी कि यह क्या होता है? लेकिन मैं इसके बाद चिंता में आ गई थी कि यह क्या बीमारी है। मुझे याद है कि उस रात को मुझे नींद नहीं आई थी मुझे बुखार हो गया था। लेकिन फिर भी यहां से बहुत अच्छी यादें मेरे जेहन में आज तक मौजूद है। तेरी बातों में उलझा जिया फिल्म के लिए भी मैं जयपुर आई थी। कृति का बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू
कृति सेनन ने कहा- बतौर प्रोड्यूसर फिल्म बनाने को लेकर कई तरह की जिम्मेदारियां होती हैं। इस तरह का मेरा पहला अनुभव रहा है। हालांकि यह काम मैंने अकेले नहीं किया है, मेरी को-प्रोड्यूसर कनिका के साथ मिलकर यह काम किया है। बाकी स्क्रीन पर मेरे दो किरदार हैं अगर मैं बतौर प्रोड्यूसर तीसरे किरदार के रूप में वहां मौजूद रहती तो बहुत मुश्किल हो जाती। शाहिर शेख का बॉलीवुड डेब्यू
शहीर शेख ने कहा- फिजिकल मेरी कोई तैयारी नहीं थी, लेकिन किरदार को लेकर समझ बढ़ानी पड़ी कि राइटर-डायरेक्टर क्या सोच रहे हैं। उनको लेकर खुद को तैयार किया। किरदार में काफी लेयर थी, ऐसे में मैं यही देखा था कि मुझे बहुत कुछ बताओ और एक्टर काम करने को मिलेगा। इसलिए मैंने इस फिल्म को चुना था यह मेरा टीवी से बॉलीवुड में डेब्यू है।

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