Monday, July 21, 2025
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कनाडा में हिट एंड रन में 2 पंजाबी स्टूडेंट दोषी:पीड़ित को डेढ़ किमी तक घसीटा; कोर्ट ने सुनाई 3-4 साल की जेल; सजा बाद डिपोर्ट होंगे

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कनाडा के शहर सरे में जनवरी 2024 में हुए हिट एंड रन मामले में दो भारतीय छात्रों गगनप्रीत सिंह और जगदीप सिंह को दोषी ठहराया गया है। इन दोनों ने 45 वर्षीय जेसन अल्बर्ट ग्रे को अपनी कार से टक्कर मारने के बाद करीब 1.3 किलोमीटर तक घसीटा और फिर उसके शव को सड़क पर फेंक दिया। इस घटना के बाद अब दोनों को सजा पूरी होने के बाद डिपोर्ट किया जाएगा। यह घटना 27 जनवरी, 2024 की रात करीब 1:38 बजे हुई, जब जगदीप सिंह के स्वामित्व वाली लाल रंग की फोर्ड मस्टैंग चला रहे गगनप्रीत सिंह ने यूनिवर्सिटी ड्राइव पर एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। पीड़ित की पहचान जेसन अल्बर्ट ग्रे के रूप में हुई, जो एक पिता और पति है। टक्कर के बाद, गगनप्रीत ने कार नहीं रोकी और ग्रे को करीब डेढ़ किलोमीटर तक घसीटा। घटना के चश्मदीदों ने 911 पर कॉल किया और बताया कि एक व्यक्ति सड़क पर पड़ा था और एक कार ने उसे टक्कर मार दी थी। कुछ ही देर बाद, उन्होंने देखा कि वही कार ग्रे को घसीट रही है। गगनप्रीत और जगदीप ने कुछ दूरी पर कार रोकी, ग्रे के शव को उतारा और फिर मौके से फरार हो गए। कानूनी कार्यवाही और सजा गगनप्रीत सिंह ने 6 जनवरी 2025 को और जगदीप सिंह ने 7 फरवरी 2025 को सरे प्रांतीय न्यायालय में खतरनाक ड्राइविंग, दुर्घटना के बाद रुकने में विफलता और शव के साथ छेड़छाड़ के आरोपों को स्वीकार किया। दोनों को 22 मई 2025 को सजा सुनाई गई, जिसमें गगनप्रीत को तीन साल की जेल और तीन साल का ड्राइविंग प्रतिबंध मिला, जबकि जगदीप को चार साल की जेल और तीन साल का ड्राइविंग प्रतिबंध मिला। पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया जैसन ग्रे की पत्नी ने अदालत में अपने बयान में कहा, “उन्होंने मेरे पति के साथ कचरे की तरह व्यवहार किया और उसे सड़क पर फेंक दिया।” उन्होंने यह भी बताया कि ग्रे, जो एक स्वदेशी व्यक्ति थे, को उनकी सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार नहीं मिल सका। परिवार ने इस घटना को “अकल्पनीय और क्रूर” बताया। डिपोर्ट करने की प्रक्रिया कोर्ट ने साफ किया है कि सजा पूरी होने के बाद डिपोर्ट कर दिया जाएगा। दोनों ही स्टडी वीजा पर कनाडा आए थे। कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने दोनों दोषियों के खिलाफ डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा पर कनाडा में थे।

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