कनाडा में मंदिर में हुए हमले का मामला:अध्यक्ष बोले- हिंसा में शामिल होने की अनुमति नहीं थी, इसलिए पुजारी को निलंबित किया
कनाडा के ब्रैम्पटन में रविवार को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। इसे लेकर हिंदु सभा मंदिर के पुजारी राजिंदर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया था। अब हिंदु सभा मंदिर द्वारा दोबारा राजिंदर प्रसाद के निलंबन को लेकर बयान जारी किया गया है। हिंदू सभा मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने कहा कि पुजारी राजिंदर प्रसाद को हाल ही में हुई गतिविधियों में शामिल होने के लिए अधिकृत या अनुमति नहीं दी थी। हिंदू सभा को इन गतिविधियों में उनकी भागीदारी के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। प्रारंभिक इनपुट के आधार पर पुजारी राजिंदर प्रसाद को निलंबित किया गया था। आगे की समीक्षा के परिणामस्वरूप हमने अब पुजारी राजिंदर प्रसाद को हिंदू सभा में उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों पर बहाल कर दिया है। हिंदू सभा हमारे विविध कनाडाई समाज के भीतर एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदु सभा मंदिर द्वारा जारी किया गया दूसरा लेटर… कनाडा में पहले भी हिंदू मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।