ऐज फ्रॉड केस में लक्ष्य सेन की याचिका खारिज:हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए; शटलर पर 2 साल 6 महीने उम्र घटाने के आरोप
भारतीय बैडमिंटन प्लेयर लक्ष्य सेन के ऐज फ्रॉड मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। दरअसल 2022 में लक्ष्य, उनके परिवार और कोच विमल कुमार पर जूनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट्स में जन्म प्रमाण पत्र के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था। लक्ष्य की याचिका का रिव्यू करने के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा, मामले में ऐसे सबूत मौजूद हैं जो जांच की आवश्यकता को दर्शाते हैं। आरोपियों ने लक्ष्य और चिराग सेन के जन्म प्रमाण पत्र में करीब दो साल छह महीने की उम्र घटा दी जिससे वे अंडर ऐज टूर्नामेंट में भाग ले सकें और सरकारी लाभ प्राप्त कर पाए। क्या है लक्ष्य सेन ऐज फ्रॉड केस
23 साल के शटलर लक्ष्य सेन के ऊपर एम. जी. नागराज ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जन्म प्रमाण पत्र पर हेराफेरी कर फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप लगाते हुए एक निजी शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि लक्ष्य सेन के माता-पिता धीरेंद्र और निर्मला सेन, उनके भाई चिराग सेन, कोच विमल कुमार और कर्नाटक बैडमिंटन संघ के एक कर्मचारी ने जन्म रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया है। शिकायत के बाद, एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने जांच का आदेश दिया था और दिसंबर 2022 में आरोपियों के ऊपर FIR दर्ज की गई थी। लक्ष्य सेन की याचिका क्या थी?
लक्ष्य ने अपनी याचिका में कहा था, ऐज फ्रॉड का मामला तथ्यात्मक सबूतों के बजाय व्यक्तिगत शिकायतों पर बनाया गया था। शिकायतकर्ता एम. जी. नागराज 2020 में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी में अपनी बेटी के दाखिल न होने पर निराश थे। जिस वजह से उन्होंने लक्ष्य पर आरोप लगाए। सेन परिवार के अनुसार, आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। पेरिस में शुरुआती 4 मैच 2-2 गेम में ही जीते
पेरिस ओलिंपिक से पहले लक्ष्य ने BWF के ज्यादातर टूर्नामेंट खेले। इंडोनेशिया ओपन के रूप में उन्होंने आखिरी टूर्नामेंट खेला, जिसमें वह क्वार्टर फाइनल हार गए। वह एकेडमी पहुंचे और पेरिस ओलिंपिक की तैयारी में जुट गए। पेरिस में उन्होंने ग्रुप स्टेज में तीनों मैच 2 ही गेम में जीत लिए। प्री क्वार्टर फाइनल भी 2 गेम में जीता, फिर क्वार्टर फाइनल 3 गेम में जीतकर सेमीफाइनल में भी जगह बना ली। उन्हें सेमीफाइनल में फ्रांस के प्लेयर ने हराया था।