इजराइल की सीरिया में ईरानी ठिकानों पर रेड:दावा- केमिकल हथियार बना रहे 4 ईरानियों को उठा ले गए, दस्तावेज भी जब्त किए
इजराइली सेना ने सीरिया में ईरान के हथियारों के ठिकाने पर रेड डाली है। सीरिया टीवी नेटवर्क की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली सेना ने रविवार (8 सितंबर) को सेंट्रल सीरिया पर एक एयरस्ट्राइक की थी। इस हमले में 14 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 43 लोग घायल हो गए थे। अब सीरिया की मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इजराइल ने जहां हमला किया था वहां ईरान और सीरिया मिलकर केमिकल हथियार बनाते थे। एयरस्ट्राइक के बाद कुछ इजराइली सैनिक हेलिकॉप्टरों से नीचे उतरे। इस दौरान उनकी भिडंत भी हुई, जिसमें सीरिया के कुछ लोगों की मौत हो गई। वहीं इजराइली सेना 4 ईरानियों को पकड़कर अपने साथ ले गई। एयरस्ट्राइक कर सीरियाई सैनिकों को रोका
इजराइल के चैनल 12 ने बताया कि ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स बनाने के प्लान में रुकावट डालने के लिए यह ऑपरेशन चलाया। रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली सैनिकों के पहुंचने से पहले इजराइल ने रेड की लोकेशन के आसपास मौजूद सड़कों पर एयरस्ट्राइक की, जिससे सीरियाई सैनिक वहां पहुंच न सकें। इसके बाद इजराइली सैनिक हेलिकॉप्टर में बैठकर लोकेशन पर पहुंचे। सैनिक रस्सी के सहारे ईरान के हथियारों के ठिकाने पर उतरे। उन्होंने वहां मौजूद सभी उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त करने के बाद बम लगा दिए। इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए आसपास कई हेलिकॉप्टर और ड्रोन्स मौजूद थे। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, सीरिया के मस्याफ इलाके को लंबे समय से ईरानी सेना और उनके समर्थन वाले आतंकी संगठन इस्तेमाल करते आए हैं। इस इलाके पर कई बार हमला भी हो चुका है। इससे पहले इजराइल ने 1 अप्रैल को सीरिया में ईरान के दूतावास के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। क्या होते हैं केमिकल हथियार?
ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रॉहिबिशन ऑफ केमिकल वेपंस यानी OPCW के मुताबिक, केमिकल हथियार ऐसे हथियार होते हैं जिनमें जहरीले केमिकल का इस्तेमाल जानबूझकर लोगों को मारने या नुकसान पहुंचाने के लिए होता है। ऐसे सैन्य उपकरण जो खतरनाक केमिकल को हथियार बना सकते हैं, उन्हें भी केमिकल हथियार या रासायनिक हथियार माना जा सकता है। केमिकल हथियार इतने घातक होते हैं कि ये पल भर में हजारों लोगों को मौत की नींद सुला सकते हैं और साथ ही उन्हें अलग-अलग बीमारियों के प्रभाव से तिल-तिल कर मरने को मजबूर कर सकते हैं। पहले विश्व युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुए केमिकल हथियारों को नष्ट कर दिया गया है। पिछले साल केमिकल वेपन के वॉचडॉग (OPCW) ने घोषणा की थी कि अमेरिका आखिरी देश था जिसके पास ये हथियार मौजूद थे और इन्हें नष्ट किया जा चुका है। 1997 के केमिकल वेपन कन्वेंशन के मुताबिक इसमें शामिल सभी देशों को सितंबर 2023 के आखिर तक सभी केमिकल हथियारों को नष्ट करना था। 2022 में केन्टकी में आखिरी M55 रॉकेट को नष्ट किया था, जिसमें VX केमिकल वेपन मौजूद थे।