इंडो फार्म इक्विपमेंट के IPO का आज दूसरा दिन:पहले ही दिन ये टोटल 17.72 गुना सब्सक्राइब हुआ, मिनिमम इन्वेस्टमेंट करने होंगे 14,835 रुपए
इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड के IPO का आज यानी 1 जनवरी को दूसरा दिन है। पहले ही दिन ये IPO कुल 17.72 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू सबसे ज्यादा 18.56 गुना सब्सक्राइब हुआ है। वहीं, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में 8.10 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 28.57 गुना सब्सक्राइब हुआ। निवेशक इस इश्यू के लिए 2 जनवरी तक बिडिंग कर सकेंगे। 7 जनवरी को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस IPO के जरिए कंपनी टोटल ₹260.15 करोड़ जुटाना चाहती है। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹204 -₹215 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 69 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹215 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,835 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 897 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,92,855 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। टैक्टर, पिक एंड कैरी क्रेन और हार्वेस्टिंग इक्विपमेंट बनाती है कंपनी इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड की स्थापना 1994 में हुई थी, जो टैक्टर, पिक एंड कैरी क्रेन और हार्वेस्टिंग इक्विपमेंट बनाती है। कंपनी अपने ऑपरेशन्स को दो ब्रांड नेम इंडो फार्म और इंडो पावर के जरिए चलाती है। इंडो फार्म इक्विपमेंट के प्रोडक्ट नेपाल, सीरिया, सूडान, बांग्लादेश, म्यांमार सहित अन्य देश में एक्सपोर्ट होते हैं। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।