आशीष विद्यार्थी ने पॉडकास्ट सीरीज के लिए आवाज दी:बोले- हमेशा नया करने की कोशिश करता हूं, दोस्त के कहने पर फूड व्लॉगिंग शुरू की
सीनियर एक्टर आशीष विद्यार्थी ने हॉलीवुड फिल्म ‘द लॉयन किंग’ में वॉइस देने के बाद अब ‘मार्वल्स वेस्टलैंडर्स: डूम’ जैसी पॉडकास्ट सीरीज में ‘डूम’ के किरदार को वॉइस दी है। आशीष ने इसके बारे में दैनिक भास्कर से बातचीत की है। पढ़िए आशीष विद्यार्थी के साथ बातचीत का प्रमुख अंश… आप इस प्रोजेक्ट से कैसे जुड़े?
मैं इस प्रोजेक्ट से कैसे जुड़ा मुझे ये तो नहीं पता पर जैसे ही उनका ऑफर आया तो मुझे लगा कि ये कुछ नया है। इसे जरूर ही करना चाहिए। मुझे मौका मिला तो मैंने सोचा कि इसे मन लगाकर कमाल का बनाना चाहिए। हालांकि इससे पहले मैंने मार्वल के कई प्रोजेक्ट देखें हैं पर ये एक नया रोचक किरदार मिला जो काफी पावरफुल भी है। पूरे डबिंग सेशन में मैं इसे लेकर काफी एक्साइटेड भी रहा। क्या ‘डूम’ के किरदार को वॉइस देने के लिए आपने कोई रेफरेंस भी लिया?
ये एक नई विधा है। हम इसमें आवाज के जरिए एक ऐसी दुनिया बनाते हैं जो है ही नहीं। लेकिन लोग जब इसे आंख बंद करके सुनेंगे तो उन्हें महसूस होगा कि वह घटना उनके सामने घट रही है। यह एक पॉडकास्ट सीरीज का सबसे अहम पार्ट होता है। बाकी जो सालों से अनुभव लिया है उसे इस संदर्भ में डाला है। क्या ‘द लॉयन किंग’ के दूसरे पार्ट के लिए भी आपने वॉइस दी है?
इस बार बड़ा जबरदस्त काम किया है। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को यह पसंद आएगा। यह एक बहुत अच्छा अवसर था कि एक बेहतरीन तरीके से लिखे प्रोजेक्ट के लिए वॉइस दूं। इतने लंबे करियर में आपने कई चीजें कीं। नया क्या एक्सप्लोर करना चाहेंगे?
लेटेस्ट चीज जो मैंने एक्सप्लोर की है वह स्टैंड अप कॉमेडी की जर्नी है। ‘विट्ठल काड़ियां’ नाम का मेरा शो है जिसके लिए हाल ही में काठमांडू में मैंने परफॉर्म किया। इसके बाद चेन्नई भी जा रहा हूं। मैं वेट कर रहा था कि कोई मुझे अच्छा कॉमेडी से भरा किरदार दे। मैं पूरी जिंदगी कुछ न कुछ नया ही करना चाहता हूं। मैं हमेशा चाहता हूं कि कुछ न कुछ चैलेंजिंग मिले। क्रिएटीविटी की फील्ड में चाहे वह मुख्य किरदार हो, फूड व्लॉग हो या ट्रैवल व्लॉग हो, कुछ नया करने की भूख रहती है। इसी आशा के बीच मुझे ‘डूम’ का किरदार मिला। पूरे करियर में जो कुछ सीखा, उन सब का निचोड़ मैंने ‘डूम’ को वॉइस देते समय बतौर इनपुट डाला है। फिल्मों से हटकर फूड व्लॉग शुरू करने का विचार कैसे आया था?
पता नहीं कैसे आया पर वह हो गया। कुछ सोच कर या डिजाइन करके मैं कुछ नहीं करता। कोविड खत्म हो रहा था और मेरे एक साथी ने कहा कि चलो एक फूड व्लॉग शुरू करते हैं। मैंने भी कहा कि चलो कर लेते हैं। खुशी की बात है कि इसके माध्यम से मैं छोटे-छोटे बिजनेस करने वालों की मदद कर पा रहा हूं। मेरे जरिए उन तक अन्य लोग भी पहुंचते हैं। मेरी एक खासियत है कि जिस चीज को लोग साधारण कहते हैं उसमें मैं कुछ असाधारण तलाश लेता हूं। क्या ऐसा फील करते हैं कि अब वैसे फुल फ्लेज्ड निगेटिव रोल नहीं मिल रहे?
ऐसा कुछ नहीं है, जैसे-जैसे रोल मिलते जाते हैं, वैसे-वैसे करते रहते हैं। इतना सारा काम तो पहले ही कर लिया है। एक ही चीज करते रहना भी सही नहीं। इसी कड़ी में डूम का किरदार मिला और उसे वॉइस दी है। बाकी अभी ‘किल’ रिलीज हुई, ‘वेदा’ आई, एक दो सीरीज और आ रही हैं। कई सारी चीजें एक साथ कर रहा हूं। अब ‘मार्वल्स…’ को लेकर एक्साइटेड हूं। देखते हैं कि इसे लोगों का कैसा रिस्पॉन्स मिलता है।