आयुर्वेद में रामबाण है ये पौधा, वात, पित्त, त्वचा के लिए बेहद कारगर
रायपुर स्थित श्री नारायण प्रसाद अवस्थी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि पचौली का आयुर्वेद चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका है. इससे न केवल सुगंधित तेल प्राप्त किया जाता है बल्कि वात, पित्त, त्वचा विकार, सामान्य सर्दी, वैरिकाज नस, चिंता, यौन कमजोरी, सूजन, अपच, गठिया, गठिया, खांसी और भूख न लगना जैसी समस्याओं के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है.