Monday, April 28, 2025
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अमेरिका में पिछले साल हर घंटे 10 भारतीय गिरफ्तार हुए:इन पर अवैध तरीके से देश में घुसने का आरोप, 50% से ज्यादा गुजराती थे

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अमेरिका में अवैध तरीके से घुसने के आरोप में पिछले साल हर घंटे 10 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया। अमेरिका के कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) डिपार्टमेंट ने अक्टूबर 2023 से लेकर सितंबर 2024 तक अवैध तरीके से देश में घुसने वाले लोगों का आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े के मुताबिक पिछले साल 29 लाख लोगों को अवैध तरीके बॉर्डर पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इनमें 90,415 भारतीय थे। इनमें से 43,764 को अमेरिका-कनाडा बॉर्डर से गिरफ्तार किया। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक बॉर्डर पार करने वाले भारतीयों में 50% से ज्यादा गुजरात से थे। हालांकि इस आंकड़े में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है। साल 2022-23 में 96,917 भारतीयों को अवैध तरीके से बॉर्डर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मैक्सिको डंकी रूट की बजाय कनाडा बॉर्डर बनी पहली पसंद कनाडा की तरफ से बॉर्डर क्रॉस करने के आंकड़े ये दिखाते है कि अब भारतीय मैक्सिको के डंकी रूट की बजाय कनाडा को पहली पसंद के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। दरअसल मैक्सिको बॉर्डर पर अमेरिका की तरफ से चौकसी बढ़ा दी गई है। वहीं कनाडा की तरफ से बॉर्डर पार करना, मैक्सिको की तुलना में आसान है। कनाडा का वीजा लेकर गए भारतीय, वहां से टैक्सी के जरिए बॉर्डर पार कर अमेरिका पहुंच जाते हैं। हालांकि अमेरिका ने हाल के सालों में यहां भी चेक पोस्ट पर सख्ती कर दी है। हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक कनाडा बॉर्डर से गिरफ्तार किए भारतीयों का आंकड़ा, बॉर्डर पार करने वालों की तुलना में काफी कम है। डंकी रूट का खर्चा 50 से 70 लाख रुपए भारत से एक डंकी के अमेरिका पहुंचने का औसत खर्च 20 से 50 लाख रुपए है। कभी-कभी ये खर्च 70 लाख तक पहुंच जाता है। इस काम में लगे में एजेंट लोगों को वादा करते हैं कि जितना ज्यादा पैसा देंगे, उन्हें उतनी कम परेशानी झेलनी पड़ेगी। ———————————- डंकी रूट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर- डंकी रूट से अमेरिका कैसे जाते हैं:बर्फीली नदी फिर तपता रेगिस्तान; 15 हजार किमी के लिए महीनों लगते हैं 19 जनवरी 2022। कनाडा-यूएस बॉर्डर पर अमेरिकी सीमा से महज 12 मीटर दूर 4 लोगों की लाश मिली। इनकी शिनाख्त गुजरात के जगदीश बलदेवभाई पटेल, उनकी पत्नी वैशालीबेन, 12 साल की बेटी विहंगा और 3 साल के बेटे धार्मिक के रूप में हुई। गांधीनगर जिले के डिगुंचा गांव के स्कूल टीचर बलदेवभाई अमीरी का सपना संजोए अमेरिका जाना चाहते थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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