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अमेरिका के टैम्पा-बे में आएगा सदी का सबसे बड़ा तूफान:5 लाख लोगों को हटाया, 285km की रफ्तार से बढ़ रहा मिल्टन हरिकेन

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अमेरिका में 10 दिनों में दूसरी बार बड़ा तूफान आने वाला है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, फ्लोरिडा में मिल्टन तूफान को लेकर चेतावनी जारी की गई है। नेशनल हरिकेन सेंटर ने इसे सबसे ज्यादा विनाशकारी तूफानों की कैटेगरी-5 में रखा है। इस कैटेगरी में जान-माल के भारी नुकसान का खतरा रहता है। मिल्टन बुधवार को फ्लोरिडा के घनी आबादी वाले इलाके ‘टैम्पा बे’ से टकरा सकता है। अभी यह टैम्पा से 1000 किमी दूर है। टैम्पा की आबादी 30 लाख से ज्यादा है। तूफान के टैम्पा बे तक पहुंचने पर इसके कमजोर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद ये मध्य फ्लोरिडा से अटलांटिक महासागर की तरफ बढ़ जाएगा। मिल्टन तूफान फिलहाल मेक्सिको की खाड़ी से गुजर रहा है। सोमवार रात को तूफान की गति करीब 285 kmph थी। यह फ्लोरिडा राज्य की तरफ बढ़ रहा है। तूफान के कारण फ्लोरिडा की 67 में से 51 काउंटियों में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया गया है। फ्लोरिडा में तटवर्ती इलाकों को खाली कराया जा रहा है। अब तक करीब 5 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा चुका है। अमेरिका में इससे पहले हेलेन तूफान आया था। इसमें कम से कम 225 लोगों की मौत हुई थी। मिल्टन तूफान आने से पहली की 10 तस्वीरें… फ्लोरिडा गवर्नर ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा
फ्लोरिडा के गवर्नर डी सेंटिस ने लोगों को तूफान के लिए तैयार रहने की अपील की है। उन्होंने लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर चले जाने को कहा है। कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक फिल क्लॉट्जबैक ने कहा कि मिल्टन को तूफान का दर्जा मिलने के साथ ही यह पहली बार है कि सितंबर के बाद अटलांटिक में एक साथ तीन तूफान आए हैं। मौसम विभाग ने कहा कि तूफान की वजह से फ्लोरिडा में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश और अचानक बाढ़ आ सकती है। तटीय इलाके में 15 फीट तक ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं। टाइफून, हरिकेन और टॉरनेडो में क्या अंतर है?
स्ट्रॉर्म या तूफान वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस होता है, जो तेज हवाओं के जरिए सामने आता है और उसके साथ बारिश, बर्फ या ओले पड़ते हैं। जब ये धरती पर होते हैं तो आम तूफान कहलाते है, लेकिन समुद्र से उठने वाले स्टॉर्म को हरिकेन कहते हैं। हरिकेन आम स्टॉर्म से ज्यादा खतरनाक होते हैं। हरिकेन, साइक्लोन और टाइफून तीनों एक ही चीज होते हैं। दुनियाभर में साइक्लोन को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। जैसे- उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन, फिलीपींस, जापान और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून और ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर यानी भारत के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है। समुद्रों के लिहाज से देखें तो अटलांटिक और उत्तर पश्चिम महासागरों में बनने वाले साइक्लोन हरिकेन कहलाते हैं। उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान टाइफून कहलाते हैं। वहीं दक्षिण प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। इसी वजह से भारत के आसपास के इलाकों में आने वाले समुद्री तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। वहीं, टॉरनेडो भी तेज तूफान होते हैं, लेकिन ये साइक्लोन नहीं होते, क्योंकि ये समुद्र के बजाय ज्यादातर धरती पर ही बनते हैं। सबसे ज्यादा टॉरनेडो अमेरिका में आते हैं। ……………………………………………. अमेरिका में तूफान से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अमेरिका में हेलेन तूफान का कहर: 12 राज्यों में 1.20 करोड़ लोग प्रभावित, 1000 फ्लाइट्स रद्द अमेरिका में 30 सितंबर को हेलेन चक्रवात से 12 राज्यों में 43 लोगों की मौत हो गई। इससे 1 करोड़ 20 लाख लोग प्रभावित हुए। अमेरिका के फ्लोरिडा, जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना, साउथ कैरोलिना, वर्जीनिया और अलबामा में इमरजेंसी घोषित कर दी गई थी। पढ़िए पूरी खबर…

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