Wednesday, December 25, 2024
Latest:
Entertainment

अनुपम खेर बोले- फिल्मों से रिटायर होने का मन नहीं:शुरुआत में बालों को लेकर काफी सहा; बस एक मौका चाहिए था जो ‘सारांश’ से मिला

Share News

अनुपम खेर ने 1984 में फिल्म सारांश से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। अब तक वह 500 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं। हाल ही में अनुपम ने फिल्मों से अपने रिटायरमेंट को लेकर बात की। उन्होंने कहा अभी उनका रिटायर होने का कोई मन नहीं है। वह नहीं चाहते कि लोग उन्हें किसी खास उम्र या फिर श्रेणी में गिनें। दरअसल, अनुपम खेर की फिल्म विजय 69 ओटीटी पर 8 नवंबर को रिलीज होगी। इस फिल्म के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा ये फिल्म एक साहसी पूर्व स्विमिंग कोच की कहानी है, जो 69 साल की उम्र में एक ट्रायथलॉन में रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती स्वीकार करता है। अनुपम खेर ने कहा, ‘जब लोग मान लेते हैं कि यह उम्र रिटायरमेंट की है और आपको ‘वेटरन’, ‘लीजेंड’ जैसे टैग्स दे देते हैं। साथ ही लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी देते हैं, तो वे सोचते हैं कि अब आप आराम से रिटायर हो जाएंगे। लेकिन मैं हमेशा इसका विरोध करता हूं, क्योंकि कौन होता है यह तय करने वाला कि मुझे अपनी जिंदगी में क्या करना चाहिए?’ अनुपम ने कहा, ‘मैंने बचपन से ही फिल्मों में आने का सपना देखा था और कभी उसे छोड़ना नहीं चाहा। 28 साल की उम्र में मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था, क्योंकि मेरे बाल तक गिर चुके थे! यह बात मेरे लिए ज़्यादा मायने रखती थी, बजाय इसके कि मैं ड्रामा स्कूल का गोल्ड मेडलिस्ट था। जब भी मैं किसी ऑफिस जाता, वे कहते, ‘गोल्ड मेडल का क्या करेंगे, आपके तो बाल ही नहीं हैं। आप लेखक या सहायक निर्देशक बन जाइए।’ लेकिन मुझे पता था कि मुझे सिर्फ एक मौका चाहिए, और मैं उसे साबित कर दूंगा। मुझे वह मौका सारांश फिल्म से मिला।’ अनुपम खेर ने आगे कहा, ‘जब मैं 1984 में फिल्मों में आया था, तो लोग हैरान थे कि मैं 28 साल का था और 65 साल के आदमी का रोल कर रहा था। लेकिन मुझे पता था कि अगर मैंने यह सही तरीके से किया, तो मुझे अगले 40 साल तक काम मिल सकता है। हीरो-हीरोइन के जो स्टैंडर्ड हैं, उन्हें तोड़ने के लिए आपको आत्मविश्वास चाहिए। आपको असफलता का डर नहीं होना चाहिए, क्योंकि डर ही आपको औसत बना देता है।’ अनुपम खेर की मानें तो मुंबई एक ऐसी जगह है जहां हर किसी को एक मौका मिलता है। बस आपको तैयार रहना चाहिए। उन्हें भी बहुत रिजेक्शन मिल हैं। 1983 में उनके पास किराया देने के लिए पैसे नहीं थे। उनका परिवार एक कमरे में रहता था। मकान मालिक ने उनका सामान बाहर रख दिया था। शाम तक उन्हें किराया देना था। वह एक प्रोड्यूसर के पास गए तो जैसा-जैसा उसने कहा एक्टर ने किया। लेकिन फिर भी साइनिंग अमाउंट हाथ में देते हुए एक दम वापस खींच लिया। यह उनके लिए बहुत अपमानजनक था। अनुपम आगे कहते हैं कि मुझे याद है कि एक बार मुझे रुकने के लिए कहीं जगह नहीं मिली, तो मैंने बीच पर अखबार बिछाकर सोया था। लेकिन समय के साथ, वो मुश्किलें और अपमान आपकी सबसे बड़ी कहानियां बन जाती हैं। मैं हमेशा खुद से कहता था, बस थोड़ा वक्त और है, धैर्य रखो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *