‘अनीत पड्डा-अहान पांडे से ज्यादा सच्चे एक्टर्स मुझे नहीं मिलते’:मोहित सूरी बोले- सीनियर फिल्ममेकर ने कहा ‘सैयारा’ जैसी लवस्टोरी बनाकर समय-पैसा बर्बाद कर रहे हो
अनीत पड्डा और अहान पांडे स्टारर फिल्म ‘सैयारा’ 18 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। फिल्म के ट्रेलर और गाने को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। अनीत-अहान की जोड़ी को भी ऑडियंस का प्यार मिल रहा है। ‘सैयारा’ के जरिए मोहित सूरी तीन साल बाद बड़े पर्दे पर म्यूजिकल लव स्टोरी लेकर आ रहे हैं। मोहित ने दैनिक भास्कर से बातचीत में फिल्म की कास्टिंग, गाने बनाने के प्रोसेस और यशराज फिल्म्स के जुड़ने की कहानी बताई है। ‘सैयारा’ के मायने आपके लिए क्या है और इसे बनाते समय क्या चुनौतियां आईं? हमें लगता है कि फिल्म हम बना रहे हैं लेकिन हर फिल्म की अपनी एक लाइफ होती है। सैयारा एक ऐसे मोमेंट पर मेरी लाइफ में आया, जब मेरी पिछले फिल्में चली नहीं थीं। कोविड तुरंत खत्म हुआ था और लोग एक खास तरह की फिल्में बना रहे थे। ओटीटी पर बोल्ड, कंट्रोवर्शियल और बड़े पर्दे पर एक्शन, लार्जर दैन लाइफ टाइप की फिल्में बन रही थीं। उस वक्त सब चिल्ला रहे थे। मुझे लगा कि उस वक्त अगर मैं चिल्लाता तो मेरी आवाज कहीं दब जाती। ऐसे में मैंने सोचा कि मैं अलग धुन सुनाता हूं। एक म्यूजिक प्ले करता हूं। एक यंग लव स्टोरी लिखता हूं। मुझे याद है कि उस वक्त एक बहुत सीनियर फिल्ममेकर ने कहा था कि तुम अपना पैसा और समय बर्बाद कर रहे हो। इस माहौल में कोई यंगस्टर्स की लव स्टोरी नहीं बनाने वाला है। मैंने फिर भी अपने असिस्टेंट संकल्प सदन को कहा कि मेरे पास एक आइडिया है, तुम उसे लिखो। हम दोनों ने इस पर काम किया। संकल्प इस फिल्म के स्क्रीनप्ले राइटर हैं और रोहन शंकर डायलॉग राइटर हैं। इन दोनों ने मेरे कहने पर ये पूरी कहानी लिखी। इस फिल्म में यशराज उस वक्त तक कहीं नहीं था। मुझे नहीं पता था कि आदित्य चोपड़ा और अक्षय विधानी एक लव स्टोरी की खोज में थे। जब मुझे पता चला था तो मैं क्रिएटिव प्रोड्यूसर सुमना घोष के जरिए उनसे मिला। मैंने अपने आप को कहानी में इतना ज्यादा इन्वॉल्व कर लिया था कि मैंने अपने दो-तीन एक्टर दोस्त से बात भी की थी। मैंने उनसे कहा था कि मेरे लिए ये लव स्टोरी कर लें। उन्होंने हामी भी भर दी थी। लेकिन जब मैं आदि सर से मिला तो उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम ये फिल्म इन लोगों के साथ क्यों बनाना चाहते हो? इस कहानी की जरूरत 20-25 साल के एक्टर्स की है और तुम तीस से अधिक उम्र वालों को लेना चाहते हो। मैंने उनसे कहा कि सर लेकिन पिक्चर बेचनी भी तो है। ऐसे में उन्होंने कहा कि ये बात सुनकर मेरी मार्केटिंग टीम खुश हो जाएगी लेकिन तुम गलत फिल्म बना रहे हो। इस फिल्म में न्यूकमर होने चाहिए। फिर मैंने कहा कि न्यूकमर्स पर कौन पैसे लगाए तो उनका जवाब आया कि मैं लगाऊंगा। अनीत का स्क्रीन प्रेजेंस काफी अच्छा है। उन्होंने पहले भी काम किया है लेकिन सफलता उन्हें नहीं मिली है। इस फिल्म से उनके लिए चीजें बदलेंगी? एक डायरेक्टर का अपने एक्टर्स की तारीफ करना ऐसा लगता है कि मां अपने बच्चों की तारीफ कर रही है। मुझे सिर्फ इतना पता है कि इनसे ज्यादा सच्चे एक्टर्स मुझे मेरी फिल्म के लिए नहीं मिल सकते थे। मैं उन दोनों का आभारी हूं। इस फिल्म में काम करने के लिए उनकी जो भूख थी, वो शायद एक सक्सेसफुल एक्टर कभी दे नहीं पाता। उन्होंने फेल्यिर देखा है तो उनके अंदर सफलता देखने की भूख है। अनीत ने पहले भी कुछ काम किया लेकिन जो सफलता उन्हें मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिली। अहान के साथ भी ऐसा ही कुछ है। उसकी पहली फिल्म बनी नहीं तो उसका इमोशन, उसका दिल टूटना, मेरी फिल्म के लिए बहुत काम आया। जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको समझ आएगा। इन छोटी-छोटी चीजों से फिल्म बनती है। कहते हैं ना कि वो दर्द भी तेरे काम आएगा तो मैंने उसी दर्द का अपनी फिल्म में इस्तेमाल किया है। अहान और अनीत की कास्टिंग का प्रोसेस क्या था? ऐसा सुनने में आया कि अहान को कुछ फेमस सीन रिक्रिएट करने कहा गया था? हां, ऐसा हुआ था लेकिन मेरा मानना है कि ये फेयर नहीं होता है। फेमस सीन को ऑलरेडी किसी ने बोलकर अपनी एक छाप छोड़ दी है। कोई दूसरा उसे करता है तो वो उस परफॉर्मेंस के कितना क्लोज है, इस बात पर उसे जज किया जाता है। जब तक आप ओरिजनल सीन ना करें, तब तक मजा नहीं आता है। अहान ने ‘कबीर सिंह’, ‘बैंड बाजा बारात’, ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के सीन्स किए थे लेकिन मैं उस ऑडिशन से सहमत नहीं था। हालांकि, अहान ने अच्छा परफॉर्म किया था। एक दिन आदित्य सर ने मुझसे कहा कि तुम अहान के साथ डिनर पर जाओ और फिर उसे देखो। हम गए और मैंने उस रात अहान से कहा कि मुझे सर मत बोलो, मोहित बुलाओ। अहान तो 15 मिनट में सीधे ब्रो बोलने लगा। हमलोग रात भर घूमते रहे। रात के ढाई-तीन बजे के करीब मुझे एहसास हुआ कि वो मेरी फिल्म के कैरेक्टर में है। वो किरदार में घुस गया था और कृष कपूर बन गया था। मैं मजाक नहीं कर रहा या ये कोई फेक स्टोरी नहीं है। हम साथ काम नहीं करने के लिए मिले थे लेकिन अहान को देखकर मुझे लगा कि ये कृष कपूर बन सकता है। अगले दिन मैंने आदि सर को कहा कि मैं अहान के साथ काम करना चाहता हूं। वाणी के रोल के लिए भी बहुत सारी लड़कियों ने ऑडिशन दिया था। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो सारी ही लड़कियां काफी अच्छी थीं। हालांकि कुछ फिक्स नहीं हो रहा था। हमें पंजाबी बैकग्राउंड की एक सिंपल लड़की चाहिए थी। जिसका अपना एक वैल्यू सिस्टम है लेकिन वो नए जमाने की लड़की है। आजकल हम लोग सादगी को कम आंकते हैं। मुझे वाणी के रोल के लिए जो सादगी चाहिए थी, वो मुझे मिल नहीं रहा था। लेकिन तभी मैंने अनीत का एक ऑडिशन देखा, जिसमें वो कमाल थी। इसका सारा श्रेय कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा को जाता है, जिन्होंने इन्हें बुलाया। इनकी ग्रूम और कास्टिंग की है। अनीत ने हर ऑडिशन में अपना ओरिजनल स्टाइल दिख कैरेक्टर प्ले किया था। ट्रेलर और गाने आने के बाद अनीत-अहान की केमिस्ट्री देख ऑडियंस का कहना है कि इस फिल्म का नाम आशिकी-3 होना चाहिए। क्या कहना चाहेंगे? देखिए,मेरे लिए आशिकी उस लेवल पर खत्म हो गई थी। मैं उसमें अब और कुछ नहीं जोड़ सकता था। वो अपने आप में एक आईकॉनिक फिल्म है। मैं चाहता हूं कि इन दोनों बच्चों का काम देखकर लोग आगे कहेंगे सैंयारा 2 बननी चाहिए। इन दोनों की अपनी पहचान होनी चाहिए। अहान को अगला आदित्य रॉय कपूर या राहुल रॉय होने की जरूरत नहीं है। वो अहान पांडे ही रहे। ठीक, वैसे ही अनीत को श्रद्धा कपूर बनने की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि लोग तुलना मेरी ही फिल्म से कर रहे हैं। ना कि यशराज की किसी दूसरी फिल्म से। ऐसे में इसमें कहीं ना कहीं मेरी जीत है। फिल्म से जुड़ी कोई खूबसूरत बात या यादगार लम्हा जो आप शेयर करना चाहते हैं? अहान-अनीत की आंखों में सफलता की चाहत देखना, मेरे लिए खूबसूरत बात थी। खुद की सफलता देखते-देखते, हम हिट-फ्लॉप के गेम में अटक जाते हैं। मुझे याद है कि सैयारा गाने का एक सीन हम शूट कर रहे थे, जिसमें अहान स्टेज पर चलकर आता है और एक बड़े स्क्रीन पर उसका फुटेज चलता है। ये सीन आपने ट्रेलर में देखा होगा। उस फुटेज में खुद को देखकर अहान की आंखों में वही चमक थी, जो मैंने इमरान हाशमी की आंखों में देखी थी, जब उसकी पहली फिल्म आई थी। ये चमक मैंने कंगना की आंखों में देखी थी, जब उसकी फिल्म ‘गैंगस्टर’ आई थी। हमलोग शहर में घूम रहे थे और कंगना अपनी होर्डिंग्स देखकर हैरान थी। ‘आशिकी 2’ के वक्त ये चमक मैंने श्रद्धा और आदित्य को आंखों में देखी थी, जब हम तीनों प्रमोशन के लिए ट्रैवल कर रहे थे और फ्लाइट स्टाफ दोनों को घेर रखा था। मैंने उस समय की दोनों को फोटो ले रखी थी। आज भी जब दोनों का फोन आता है तो वह फोटो मेरे फोन पर फ्लैश होता है। यह चमक अहान और अनीत की आंखों में भी थी। मुझे लगता है कि खुद की सफलता और हार में मजा तो होता है लेकिन किसी और की सफलता का हिस्सा होना अलग सुख देता है।