अडाणी बोले- 16 साल की उम्र में अपनी सीमाएं तोड़ी:लोग आज भी पूछते हैं- पढ़ाई पूरी क्यों नहीं की, मुंबई क्यों आए
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा है कि लोग आज भी मुझसे पूछते हैं कि मैं मुंबई क्यों आया और मैंने अपनी पढ़ाई पूरी क्यों नहीं की? इसका जवाब सपना देखने वाले हर उस युवा के दिल में है, जो बाउंड्री को बाधाओं के रूप में नहीं बल्कि चुनौतियों के रूप में देखता है। उन्होंने कहा, मैं केवल 16 साल का था जब अपनी पहली बाउंड्री तोड़ने का फैसला किया। मैं जहां तक पढ़ा था उतने ही एजुकेशन के साथ मुझे मुंबई में एक अज्ञात भविष्य की ओर बढ़ना था। 2014 में पीएम मोदी के लीडरशिप में देश को गुड गवर्नेंस और बड़ा रिफॉर्म मिला। इससे आजादी का एसेंस और मजबूत हुआ। ये सभी वर्ष भारत के रिमार्केबल जर्नी में टर्निंग पॉइंट के रूप में खड़े रहे हैं। अडाणी ने ये बात मुंबई के जय हिंद कॉलेज में शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में कही। अपने व्याख्यान के दौरान अडाणी ने कहा, मैं आज यहां खड़ा हूं, विनम्र और आभारी हूं। गुजरात से मुंबाई आने के बाद साल 1977-78 में इसी कॉलेज से पढ़ाई की थी। एशिया के दूसरे सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं अडाणी
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन एशिया के दूसरे सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ 82.4 बिलियन डॉलर (करीब 6.92 लाख करोड़ रुपए) है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वे 21वें नंबर पर हैं। अडाणी ग्रुप का साम्राज्य कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है। पिछले साल आई हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद कंपनी के ज्यादातर शेयरों की कीमत आधे से ज्यादा गिर गई थी। संसद से लेकर सड़क तक हंगामा हुआ था। हालांकि, अब ये शेयर रिकवर हो चुके हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए थे। SEBI इस मामले की जांच कर रही थी। डायमंड इंडस्ट्री में आजमाई किस्मत
24 जून 1962 को जन्मे कॉलेज ड्रॉपआउट गौतम अडाणी गुजरात से हैं। उन्होंने अपने भाई के प्लास्टिक बिजनेस को चलाने में मदद करने के लिए गुजरात लौटने से पहले 1980 के दशक की शुरुआत में मुंबई की डायमंड इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई थी। इसके बाद 1988 में एक छोटी एग्री ट्रेडिंग फर्म के साथ अडाणी ग्रुप की शुरुआत की। ये अब एक ऐसे ग्रुप में बदल गया है जो कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है। अडाणी ग्रुप ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स और सीमेंट इंडस्ट्री में भी है। गौतम अडाणी ने अपने ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाने के लिए 2030 तक कुल 70 अरब डॉलर का निवेश करने का कमिटमेंट किया है। 1996 में बनाई अडाणी फाउंडेशन
उनकी पत्नी प्रीति अडाणी के नेतृत्व में अडाणी फाउंडेशन की स्थापना 1996 में हुई थी। इसने भारत के ग्रामीण इलाकों में सोशल प्रोगाम्स पर काम किया है। अडाणी ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार वर्तमान में ये फाउंडेशन देश के 18 राज्यों में सालाना 34 लाख लोगों के उत्थान में मदद कर रहा है। प्रीति अडाणी पेशे से डॉक्टर हैं, जिन्होंने डेंटल सर्जरी (BDS) में ग्रेजुएशन किया है। अब गौतम अडाणी से जुड़े विवादों पर भी एक नजर डाल लें… पहला विवाद: हिंडनबर्ग रिसर्च ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए
बात जनवरी 2023 की है। गौतम अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर लाने की घोषणा की। 27 जनवरी 2023 को इस ऑफर को खुलना था, लेकिन उससे ठीक पहले 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए। 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई। हालांकि, अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया। ऐसे में अडाणी ग्रुप ने अपना 20,000 करोड़ का फॉलोऑन पब्लिक ऑफर भी कैंसिल कर दिया। केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की। कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।’ दूसरा विवाद: लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप
एक महीने पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि जनवरी 2014 में अडाणी ग्रुप ने एक इंडोनेशियाई कंपनी से 28 डॉलर प्रति टन की कथित कीमत पर ‘लो-ग्रेड’ कोयला खरीदा था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इस शिपमेंट को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले के रूप में 91.91 डॉलर प्रति टन की औसत कीमत पर बेच दिया गया था। पहले भी लगे थे अडाणी ग्रुप पर कोल इंपोर्ट बिल में हेरी-फेरी के आरोप… ये खबर भी पढ़ें… 70 साल की उम्र में चेयरपर्सन पद छोड़ेंगे गौतम अडाणी: 2030 की शुरुआत में अपने बेटों और चचेरे भाइयों को सौंपेंगे कंपनी की कमान अडाणी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडाणी ने 70 साल की उम्र में पद छोड़ने की योजना बनाई है, अभी वह 62 साल के हैं। न्यूज़ एजेंसी ब्लूमबर्ग ने एक इंटरव्यू के हवाले से बताया कि अडाणी साल 2030 की शुरुआत में कंपनी की कमान अपने बेटों व चचेरे भाइयों को सौंप सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें… अडाणी फैमिली देश में सबसे अमीर, अंबानी को पीछे छोड़ा: हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में वैल्थ ₹11.62 लाख करोड़, एक साल में संपत्ति 95% बढ़ी अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनके परिवार की कुल संपत्ति एक साल में 95% बढ़कर 11.62 लाख करोड़ रुपए हो गई। अडाणी परिवार ने अपनी टोटल वेल्थ में पिछले एक साल में 5,65,503 करोड़ रुपए का इजाफा किया है। पूरी खबर पढ़ें…